देश-विदेश/डेविड पाठक : आज एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ जब भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी ने एक नया मुकाम हासिल किया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित स्वदेशी मिसाइल प्रणाली ‘RudraM-II’ का सफल परीक्षण किया गया।
यह परीक्षण ओडिशा तट से भारतीय वायुसेना के सु-30 एमके-I लड़ाकू विमान से किया गया। सुबह लगभग 11:30 बजे इस मिसाइल को विमान से प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण के बाद इसने अपने सभी लक्ष्यों को पूरा किया और इसके प्रणोदन प्रणाली, गाइडेंस तथा नियंत्रण गणितों को भी सफलतापूर्वक मान्य किया गया।
RudraM-II एक ठोस प्रणोदित, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। इसे DRDO के विभिन्न प्रयोगशालाओं में विकसित की गई अनेक उन्नत स्वदेशी तकनीकों से लैस किया गया है। इस मिसाइल का मुख्य उद्देश्य शत्रु के विभिन्न लक्ष्यों को निष्प्रभावी करना है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय वायुसेना और रक्षा उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण सशस्त्र बलों की मिसाइल क्षमताओं को और मजबूत करेगा। DRDO के सचिव और अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी अपनी टीम के निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की।