सहरसा, अजय कुमार: पं छेदी झा द्विजवर, राजकमल चौधरी मायानंद मिश्र,महाप्रकाश एवं डॉ मनोरंजन झा की साहित्यिक नगरी सहरसा में शालिग्राम के निज निवास पर पुस्तक परिचर्चा के साथ कवि गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार शालिग्राम सिंह के कायस्थ टोला स्थित निवास पर ही संपन्न हुआ।यह आयोजन उन्हीं के प्रकाशनार्थ पुस्तक मैलोनीर भरो पर केंद्रित था। ज्ञात हो कि शालिग्राम अब नब्बे बरस के हो गए हैं। लेकिन अभी भी उनकी कलम चल रही है। साहित्यकार कुमार विक्रमादित्य ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए बताया कि इनकी पुस्तक किनारे के लोग, पाही आदमी,अटपट बैन, देखा दर्पण अपना तर्पण, पत्रों के बीच में तथा इनकी कवितायों में एक विशिष्टता है। जिसमें कहीं आंचलिकता तो कहीं जीवन की सच्चाई की झलक मिलती है। कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने कविता पाठ कर इस कार्यक्रम को और भी अधिक रोचक बना दिया। उपस्थित कवियों में विनय कुमार चौधरी,सिद्धेश्वर कश्यप,कुमार विक्रमादित्य, सियाराम यादव मयंक, अरुण कुमार सिंह, मैथिल यायावर आदि लोग उपस्थित थे। शालिग्राम सिंह ने अपने प्रकाशनार्थ पुस्तक “मैलोनीर भरो” के किसी खंड का पाठ कर कार्यक्रम का आरंभ किया। फिर विनय कुमार चौधरी ने अपने नए प्रयोग कैप्सूल कविता का पाठ कर सभी को अचंभित कर दिया। कैप्सूल कविता की खूब प्रशंसा हुई।
फिर मधेपुरा के प्रसिद्ध गजलकार सियाराम यादव “मयंक” ने ग़ज़ल सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुमार विक्रमादित्य ने अपने हिंदी कविता ‘सन्नाटा’ और सहरसा पर केंद्रित मैथिली कविता ‘कानैत शहर’ का पाठ किया गया जिसकी लोगों ने खूब सराहना की। सिद्धेश्वर कश्यप ने अपने कविता संग्रह से कुछ कविताएं पढ़ कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। अरुण कुमार चौधरी और मैथिल यायावर ने भी अपने अपने कविता का पाठ किया। शालिग्राम सिंह के सुपुत्र अजय कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह ने आगंतुक कवियों का हृदय से अभिवादन किया। जहाँ एक ओर अजय कुमार सिंह ने ग़ालिब के शेर पर चर्चा की तो वहीं दूसरी ओर मैथिल यायावर ने विद्यापति के गीतों पर चर्चा किया। शालिग्राम सिंह ने अपने प्रकाशनार्थ पुस्तक “मैलोनीर भरो’ के ऊपर विस्तार से चर्चा की। इस पुस्तक के गद्यांश को सुनकर लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। मूलरूप से यह पुस्तक सामाजिक असमानता और जातीय अस्पृश्यता पर केंद्रित है जिसमें मिथिला क्षेत्र के आंचलिकता की सुगंध को सहज ही महसूस किया जा सकता है।
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