दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले तो घूस लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में उनको लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। अब उनको नोटिस जारी कर सरकारी बंगला तुरंत खाली करने का निर्देश दिया गया है। टीएमसी नेता को पहले ही बंगला खाली करने को कहा गया था। संसद से निलंबन के बाद महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगला खाली करने के लिए कई नोटिस दिए गए लेकिन उन्होंने बंगला खाली नहीं किया। वहीं, सरकार ने अब उन्हें अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर अब उन्होंने सरकारी बंगला खाली नहीं किया तो उन्हें जबरन वहां से निकाल बाहर किया जाएगा। नोटिस के मुताबिक, संसद सदस्यता छिनने के बाद अब वे इस बंगले की पात्र नहीं रहीं इसलिए उन्हें 9B टेलीग्राफ लेन का टाइप 5 बंगला खाली करना होगा। नियम के मुताबिक, बंगला खाली करने के लिए उन्हें एक महीने का समय दिया गया था। हालांकि, इस बीच उन्होंने कोर्ट का भी सहारा लिया था लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली।
- दो बार बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया
डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने मंगलवार को उन्हें ये नोटिस भेजा। कैश फॉर क्वेरी केस में 8 दिसंबर 2023 को महुआ की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके बाद उन्हें दो बार बंगला खाली करने के लिए कहा जा चुका है। महुआ को सबसे पहले इस साल 7 जनवरी तक बंगला खाली करने को कहा गया था। 8 जनवरी को डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने एक नोटिस जारी करके उनसे पूछा कि उन्होंने अब तक बंगला खाली क्यों नहीं किया है। इसके बाद उन्हें 12 जनवरी को दूसरा नोटिस भेजा गया।
- कैश फॉर क्वेरी केस में गई थी महुआ की सांसदी
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मुहआ पर आरोप लगाया था कि उन्होंने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की थी। मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया था, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था।महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी। आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने प्रस्ताव पास हो गया।
Tiny URL for this post: