- राज्य के अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर का होगा एनक्यूएएस प्रमाणीकरण
- एनक्यूएस प्रमाणीकरण के लिए 12 प्रकार की सेवाओं की होगी जांच
- आरपीएम और सीएस की देखरेख में होगा एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन
- राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने डीएम को दिये निर्देश
पटना: राज्य के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भी नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड के तहत गुणवत्ता प्रमाणीकरण होगा. शहरी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और बेहतर बनाने के उद्देश्य से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गुणवत्तापूर्ण मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने तथा इनका एनक्यूएएस प्रमाणीकरण निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करने के लिए मिशन एनक्यूएएस फॉर यूपीएचसी की शुरूआत की गयी है. राज्य के 22 जिलों में स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का गुणवत्ता प्रमाणीकरण होगा. इनमें औरंगाबाद, बेगुसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, जहानाबाद, कटिहार, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सारण, सीवान, वैशाली और पश्चिम चंपारण जिले शामिल हैं.
- 106 शहरी पीएचसी का चरणबद्ध तरीके से होगा सर्टिफिकेशन
राज्य स्वास्थ्य समिति के सचिव सह कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने इन जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर आवश्यक निर्देश दिये हैं. निर्देश में कहा गया है कि राज्य में संचालित सभी 106 अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर का एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन चरणबद्ध तरीके से कराया जाना है. इसके लिए अलग अलग समय सीमा तय किया गया है. इसमें एनक्यएएस स्टेट सर्टिफिकेशन के लिए 30 सितंबर तथा एनक्यूएएस नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए 31 अक्टूबर तक का समय निर्धारित है. क्षेत्रीय अपर निदेशक तथा सिविल सर्जन की देखरेख में यूपीएचसी का एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन कराया जाना है. क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रंबधक को यूपीएचसी के एनक्यूएएस कराने के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है.
- प्रमाणीकरण के लिए 12 प्रकार की थीम पर जांच:
शहरी प्राथमिक हेल्थ सेंटर के एनक्यूएएस के तहत गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए 12 विभिन्न थीम को शामिल किया गया है. इस थेमेटिक चेकलिस्ट में जनरल क्लिनिक, मैटरनल हेल्थ, न्यूबॉर्न तथा चाइल्ड हेल्थ, टीकाकरण, परिवार नियोजन, संचारी रोग, गैरसंचारी रोग, ड्रेसिंग तथा आपातकालीन सेवा, फॉर्मेसी, लेबोरेट्री, आउटरिच तथा सामान्य प्रशासन शामिल हैं. एनक्यूएस प्रमाणीकरण से पूर्व गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की जांच के लिए चार विधियों को शामिल किया गया है. इनमें निरीक्षण, रिकॉर्ड की समीक्षा, मरीज का इंटरव्यू तथा अस्पताल में काम करने वाले स्टाफ के इंटरव्यू शामिल हैं. इसके बाद एनक्यूएएस के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए अंक प्रदान किये जायेंगे.
- स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुरू हुई तैयारियां:
एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक तैयारियां शुरू की जा चुकी है. इसके तहत यूपीएचसी स्तर पर क्वालिटी टीम का गठन किया गया है. यूपीएचसी पर एनक्यूएएस प्रमाणीकरण कार्य को मिशन मोड में चरणबद्ध तरीके से निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाना है. इसके लिए पहले बेसलाइन असेसमेंट करना है जिसकी रिपोर्ट 28 जूलाई तक राज्य को भेजी जानी है. बेसलाइन असेसमेंट में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए कार्य योजना तैयार करने और प्राथमिकताएं निर्धारित करते हुए उन सभी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्टाफ नर्स तथा एएनएम की मदद से पेशेंट सैटिसफेक्शन सर्वे भी किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को लेकर हो रही कार्यों में चार इंडिकेटर प्रोडक्टीविटी, एफिशियेंसी, क्लिनिकल केयर एंड सेफ्टी और सर्विस क्वालिटी शामिल हैं. सभी संकेतकों पर जांच के बाद 70 प्रतिशत स्कोर करने के बाद ही जिला क्वालिटी असेसमेंट कमिटी को इसकी सूचना भेजी जानी है. इसके बाद जिला स्तर से गुणवत्ता की जांच कर राज्य स्थित क्वालिटी असेसमेंट यूनिट को इसकी जानकारी दी जायेगी. इसके बाद राज्य से जांच के बाद अनुशंसा मिलने पर राज्य स्तरीण गुणवत्ता प्रमाणीकरण निर्गत किये जायेंगे. इसके साथ ही नेशनल सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए आवश्यक काम किया जाना है.
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