पूर्णिया, प्रफुल्ल कुमार सिंह: बनमनखी अनुमंडल के तीनों थाना क्षेत्र में हजरत इमाम हसन हुसैन की सच्चाई के प्रति बलिदान की याद में मुहर्रम पर्व शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाया गया। अखाड़ों में युवाओं ने एक से बढ़कर एक खेल दिखाकर अपनी कला कौशल का प्रदर्शन किया। मोहर्रम के जुलूस को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। मुहर्रम पर्व शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में अकीदत के साथ मनाया गया। विभिन्न अखाड़ों में जनबल की मजबूती इस बार ज्यादा दिखी। हर अखाड़े के साथ सैकड़ों लोग उत्साह बढ़ाने को चल रहे थे। अखाड़ों में इस बार शासन की गाइडलाइंस के अनुसार मुस्लिम समुदाय ने लाठी, डंडों से एक से बढ़कर एक हैरत अंगेज करतब दिखाए। अखाड़ा दलों ने रोमांचक खेलों का प्रदर्शन किया।
- चाक-चौबंध में जगह-जगह पुलिस बल मौजूद रहा
जुलूस को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जगह-जगह पुलिस बल मौजूद रहा। अनुमंडल पदाधिकारी मो अहमद अली अंसारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी हुलास कुमार, राजस्व अधिकारी बालकृष्ण भारद्वाज, बनमनखी थाना अध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक सुनील कुमार मंडल भारी पुलिस बल के साथ सभी अखाड़ों का भ्रमण करते रहे। पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच सभी अखाड़े तय रूट से होते हुए कृषि उत्पादन बाजार समिति के मुख्य द्वार पर पहुचें। जहां से सभी अखाड़े के लोग अपने अपने गांव प्रस्थान कर गए.अखाड़ा संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके अलावा सरसी में दंडाधिकारी सह सिंचाई प्रमंडल बनमनखी के कार्यपालक अभियंता ज्योतेंद्र कुमार,पुलिस पदाधिकारी सह थाना अध्यक्ष मसऊद अहमद हैदरी एवं जानकीनगर में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी चंद्र राज प्रकाश, थाना अध्यक्ष महेश कुमार यादव के अलावा सीओ अर्जुन कुमार विश्वास, बीडीओ सरोज कुमार आदि मुस्तेद रहे। खबर प्रेषण तक कहीं से कोई अप्रिय घटना की सूचना नही है।
- जुलूस में शामिल लोगों के लिए पानी शरबत की व्यवस्था
मुहर्रम पर्व के अवसर पर दर्जी पट्टी सहित कई जगहों पर जुलूस में शामिल लोगों के लिए पानी व शरबत की व्यवस्था की गई थी। जुलूस में हिदू मुस्लिम एकता के देश भक्ति भी नज़र आई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांति प्रेम और भाईचारे को मजबूत करने का संदेश दिया। जुलूस में कई जनप्रतिनिधि राजनीतिक पार्टी के लोग, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। जुलूस में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसको लेकर अखाड़ा कमेटी व दूसरे समुदाय के लोग मुस्तैदी से लगे रहे। देर शाम मोहर्रम का जुलूस सकुशल संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
- आइये जानते हैं क्यों मनाया जाता है मोहर्रम
मुस्लिमों के अंतिम नबी पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रम पर गम मनाते हैं। मुहर्रम महीने का दसवां दिन सबसे खास माना जाता है। बताया गया है कि मुहर्रम के महीने की 10वीं तारीख को कर्बला की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। इस्लाम की रक्षा के लिए उन्होंने खुद को कुर्बान कर दिया था। इस जंग में उनके साथ उनके 72 साथी भी शहीद हुए थे। लेकिन बातिल के आगे अपना सिर नहीं झुकाया। कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में मोहर्रम का पर्व मनाया जाता है।
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