पूर्णिया: सोमवार को राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के आरटीपीसीआर भवन में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक बैठक का आयोजन किया गया।
आयोजित बैठक में प्रखंड स्तर पर मरीजों को मिल रही ओपीडी सुविधा, टेलीकंस्लटेंसी, गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और जरूरत के अनुसार उपलब्ध मेडिसिन की जानकारी, नवजात शिशुओं के लिए प्रखंड अस्पताल में उपलब्ध सुविधा के साथ साथ परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं की समीक्षा करते हुए हो रही कमी हो दूरी करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया।
बैठक में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मसूद आलम ने बताया कि सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में गुणवत्ता पूर्ण सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसमें बच्चों की नियमित टीकाकरण और एएनसी जांच में आवश्यक सुधार की आवश्यकता है। इसके साथ साथ पूर्णिया जिले के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का एनक्यूएएस प्रमाणिकरण किया जाना है। इसके लिए भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों को ध्यान रखते हुए आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए जिससे कि जिले के सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों को एनक्यूएएस प्रमाणिकरण मिल सके।
आयोजित बैठक में सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी के साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मसूद आलम, आरपीएम कैशर इकबाल, जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल, एनसीडीओ डॉ सुभाष कुमार, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीआईओ डॉ विनय मोहन, डीएएम पंकज कुमार, यूनिसेफ जिला प्रबंधक शिवशेखर आनंद, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, डीएमएनई आलोक कुमार सहित सभी प्रखंड और शहरी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, प्रखंड लेखपाल, पिरामल स्वास्थ्य, डब्लूएचओ और अन्य सहयोगी संस्थान केय अधिकारी उपस्थित रहे।
सभी अधिकारियों को अस्पताल में ओपीडी सेवा बढ़ाने का मिला निर्देश :
आयोजित बैठक में उपस्थित प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारियों को अस्पताल में ओपीडी सेवा पर विशेष ध्यान रखते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच करने का निर्देश
दिया गया। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि प्रखंड में संचालित अस्पतालों के ओपीडी में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जांच करना आवश्यक है। ऐसा करने से मरीजों को बेहतर स्वास्थ सुविधा के लिए जिला आने की जरूरत नहीं होगी। प्रखंड अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा जितने मरीजों की जांच की जाती है उसका रिपोर्ट हर माह जिलाधिकारी को रिपोर्ट किया जाता है।
इसके माध्यम से सभी प्रखंड में कार्यरत चिकित्सकों के कार्यों की गणना की जाती है। इसमें कमी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अस्पतालों में रात्रि सेवा देने वाले चिकित्सकों को भी ज्यादा से ज्यादा उपस्थित मरीजों की जांच करते हुए चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने बताया कि जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा कुछ दिन पहले बनबनखी प्रखंड का निरक्षण किया गया है। वहां के आदिवासी टोला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बहुत दूर पाया गया।
वहाँ के लोगों को आसानी से चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए वहाँ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्देश दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ चौधरी द्वारा बनबनखी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसके लिए आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया।
मरीजों की बेहतर जांच के लिए टेलीकंसल्टेंसी पर भी रहेगा फोकस :
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने सभी प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारियों को टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने कहा कि टेलीकंस्लटेंसी में पूर्णिया जिला हमेशा राज्य में पहला स्थान प्राप्त करता है। इसे बरकरार रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिकित्सकीय सहायता मिलते रहना चाहिए। स्थानीय क्षेत्रों में चिकित्सकीय सहायता मिलने से लोगों को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में ज्यादा भरोसा बढ़ेगा और लोग सामान्य बीमारियों की समय पर ईलाज करवाते हुए ज्यादा स्वास्थ लाभ उठा सकेंगे।
गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच और रिपोर्टिंग पर ध्यान रखें अधिकारी : सिविल सर्जन
समीक्षा बैठक में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं के नियमित जांच के बाद माँ और बच्चों के स्वास्थ की सटीक जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नियमित रिपोर्ट करने का आवश्यक निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन डॉ चौधरी ने कहा कि सभी प्रखंड में गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है। इसमें जांच करवाने वाली गर्भवती महिलाओं के स्थिति की रिपोर्टिंग जरूरी है।
जिस प्रखंड के एएनसी जांच में कमी है वहां ठीक करने की जरूरत है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) द्वारा भी ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जांच का निरक्षण करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इससे सभी यूपीएचसी में गर्भवती महिलाओं के जांच में और प्रगति होना चाहिए। एएनसी जांच में कम हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं की पहचान करने वाले अस्पताल प्रबंधकों को इसमें विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी महिलाओं की समय पर पहचान हो सके इसके लिए सभी प्रखंड के चिकित्सा अधिकारियों को नियमित रूप से आशा कर्मियों के साथ बैठक कर योजना बनाने का निर्देश दिया गया है। गर्भवती महिलाओं को माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए समय पर अस्पताल पहुँचकर संस्थागत प्रसव कराने पर भी जोर देने का निर्देश दिया गया है।
इस दौरान स्टिल बर्थ वाले बच्चों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता देते हुए, जन्म के बाद बच्चों को स्तनपान कराने और नियमित टीकाकरण करवाने के लिए जागरूक करने का निर्देश दिया गया।
अस्पताल चिकित्सकों द्वारा प्रखंड के साथ साथ एपीएचसी में भी दिया जाएगा परिवार नियोजन सेवा :
समीक्षा बैठक में सभी अस्पतालों में परिवार नियोजन सुविधा को बढ़ाने का भी निर्देश स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी प्रखंड अधिकारियों को निर्देश दिया गया। सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि अस्पताल में परिवार नियोजन सुविधा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके इसके लिए अस्पताल चिकित्सकों को और मेहनत करने की जरूरत है।
इसके लिए प्रखंड चिकित्सकों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सुविधा देना जरूरी है। चिकित्सकों द्वारा एसडीएच में सभी छः दिन, पीएचसी में तीन दिन के साथ साथ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी तीन दिन परिवार नियोजन सुविधा देने का निर्देश दिया गया है।
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