सहरसा, अजय कुमार: सहरसा, सुपौल, मधेपुरा समेत बिहार के अन्य जिला से लगभग दो सौ से अधिक संगीत विषय के अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट पहुंचकर अधिवक्ता से मिलकर आगामी कुछ दिनों में संगीत विषय के शिक्षकों की बहाली हेतु पुनः केस करने की योजना बनाई है। बिहार संगीत योग्यताधारी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष उत्तम कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2011 में बिहार सरकार द्वारा संगीत विषय से एसटीईटी परीक्षा ली गई थी। लेकिन आज तक कभी भी संगीत विषय की परीक्षा नही ली गई। जबकि वर्ष 2019 में संगीत और कुछ विषयों की परीक्षा छोड़कर बाकी विषयों की बिहार सरकार द्वारा परीक्षा लिया गया। अब बीपीएससी 2023 की परीक्षा में वही अभ्यर्थीयों ने आवेदन किया। जिन्होंने एसटीईटी परीक्षा पास किया हो। फलस्वरूप रघुनंदन ठाकुर एवं अन्य द्वारा केस करने पर हाई कोर्ट के जज ने 20 जुलाई को आदेश दिया कि 22 जुलाई तक ऑनलाइन और ऑफलाइन संगीत के अभ्यर्थियों का भी आवेदन लें। साथ हीं तीन माह के भीतर परीक्षा भी लें।
गौर करने की बात है कि 21 जुलाई को इनके आवेदन स्वीकार करने का सिस्टम बीपीएससी द्वारा अपलोड नही हुआ और बीपीएससी द्वारा कहा गया कि संगीत विषय वालों का 22 जुलाई के बाद अलग से डेट निकलेगा। फिर 22 जुलाई को अचानक बीपीएससी के एक अधिकारी का फोन पेटिशनर को आया कि सिर्फ केस करने वाले पेटिशनर ही फॉर्म भर सकते है वो भी सिर्फ आज भर। ऐसे में अधिवक्ता से संपर्क करने पर पता चला कि ये सभी अभ्यर्थियों के लिए सामूहिक केस नही था। इसलिए सिर्फ केस करने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर पाएंगे।इसी बात को लेकर मंगलवार को पटना पहुंचे दो सौ से अधिक संगीत विषय के प्रशिक्षित अभ्यर्थी ने पटना जाकर वकील से मिलकर कुछ दिनों बाद सामूहिक केस करने के लिए तैयार हैं। इधर बिहार में सभी जिला के संगीत शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा बैठक कर आगे की रणनीति क्या हो एवं वकील से मिलकर मजबूती से केस कैसे लड़ा जाए इसपर गहन चिंतन एवं संपर्क अभियान तेज किया जा रहा है ताकि सभी अभ्यर्थियों के सहयोग से केस जीता जा सके।
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