- लडकी की इच्छा से हो रही शादी के एक दिन पहले प्रेमी के साथ फरार हुई लडकी से आहत स्वजनों ने कठोर निर्णय लेते हुए हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार किया लडकी के पुतले का अंतिम-संस्कार
- एकलौते भाई ने दिया मुखाग्नि, बहन के हर यादगार चीजों को किया चिता के हवाले
- चिता से उठ रही धूंआं की गुबार को देख भाई बिहारी गुपता बस यही कर रहा था कि आखिर 19 साल के लालन-पालन में क्या कमी रह गई थी कि उसने ऐसा असामाजिक कदम उठाया
- शादी से पहले स्वजनों ने वर्त्तमान समय के अनुसार लडकी से उसकी मर्जी के बारे में पूछा था, परंतु उसने किसी से प्रेम-प्रसंग की बात नहीं होने की बात कही थी
- भाई द्वारा ढुढे गए लडके को स्वयं पसंद की, स्वयं शादी की खरीददारी की, हल्दी का रस्म भी निभाया, परंतु ऐन शादी से एकदिन पहले प्रेमी संग फरार हो गई
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: नौ महीने अपने कोख में तथा 19 वर्षो तक अपने सीने लगाकर पालनेवाली वेवा मां एवं महज आठ साल की उम्र से पिता की सडक दुर्घटना में मौत के बाद घर की गाडी खींचने के लिए पंजाब जानेवाले भाई के त्याग को ठुकराकर जब बहन शादी की पूर्व संध्या पर अपने प्रेमी संग फरार हो गई, तब स्वजनों का आक्रोश एवं मां का कलेजा फट पडा। उन्होंने कठोर निर्णय लेते हुए उसका अंतिम-संस्कार का निर्णय लिया तथा हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार लडकी का पुतला बनाकर चार कंधों पर लेकर टीकापट्टी श्मशान घाट पहूंचे तथा चिता सजाकर उसे मुखाग्नि दी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है तथा हर माता-पिता यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर इसका अंत क्या होगा? क्या मां-बाप से बढकर प्रेमी या प्रेमिका हो जा रहा है? जिसके कारण प्रेमी-प्रेमिका अपने स्वजनों के सारे प्यार को ठुकराकर चंद दिनों के प्यार के प्रति अंधे हो चले हैं। यह दुखद वाकया है टीकापट्टी गांव के संगीता देवी पति स्व सुबोध गुप्ता की पुत्री स्वीटी का, जो शादी की पूर्व संध्या पर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई थी। इस संबंध में फरार लडकी स्वीटी कुमारी का भाई बिहारी गुप्ता ने बताया कि उसके पिता की मौत के समय वह महज 8 साल का था, तभी सडक दुर्घटना में हो गई थी। घर में अकेला वह ही था जो घर की गाडी खींच सकता था। वह उसी उम्र में पंजाब चला गया तथा मजदूरी करने लगा। वह अनपढ रहकर अपनी बहन स्वीटी को इंटर तक पढाया। जब वह शादी की उम्र की हुई, तब उसकी इच्छा से लडके की खोज की, दान-दहेज अपनी शक्ति के अनुसार दिया। लडका दिखाने के लिए वह अपनी बहन स्वीटी को भी ले गया, उसकी स्वीकृति के बाद शादी की तैयारी में लग गया। स्वीटी से यह भी पूछा गया कि उसकी जिंदगी में कोई लडका है, तो बोले, वह उसी से शादी करा देंगे, परंतु स्वीटी हमेशा नकारती रही।
स्वीटी ने स्वयं अपनी शादी की खरीददारी भी की। शादी में होनेवाली मेहदी रस्म ख़ुशी-ख़ुशी संपन्न हो गए, परंतु शादी की पूर्व संध्या यानि 12 जून को शादी थी, ग्यारह जून को ही अचानक स्वीटी गांव के ही एक लडके के साथ फरार हो गई। स्वीटी जब घर से भागी, तब अचानक लगा कि पूरा आसमान सिर पर गिर गया। समाज के लोगों के ताने सहित अनेक तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। मां संगीता देवी जिसने नौ महीने कोख में रखकर 19 सालों तक अपने सीने से चिपकाए रखी थी, अचानक उसे लगा कि सबकुछ खत्म हो गया। पति की मौत के बाद वह अपने तीन बच्चों एक पुत्र एवं दो पुत्रियों का मुंह देखकर ही तो अबतक जीवित है, का तो सबकुछ लूट चूका था। इस परिस्थिति में स्वजनों ने निर्णय लिया कि इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं को रोकने का बस यही तरीका है कि ऐसे बच्चों का अंतिम-संस्कार कर दिया जाए, ताकि आगे ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।
![मां का फटा कलेजा, स्वजनों का उभरा आक्रोश, घर से भागी लडकी का किया पुतला बनाकर अंतिम-संस्कार Mother's heart torn, relatives' anger emerged, cremation of a girl who ran away from home by making an effigy](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/06/20230619_093819-1024x576.jpg)
- मां सगीता देवी बस रोये चली जा रही हैं-
पिछले 11 जून की रात से जब से उसकी लाडली स्वीटी घर से भागी है, तबसे उसकी मां के आंखों से आंसू नहीं सूख रहे हैं। वह बस रोये चली जा रही है। कुछ भी नहीं बोल रही है। उसकी आंखों में आंसू देखकर ऐसा लगता था कि एक तो भगवान ने भरी जवानी में उसके पति को छिन लिया, अब इस उम्र में उसकी संतान ने जो दर्द दिया है, वह किस तरह अपने को संभालेगी, समझ से परे लग रहा है।
- स्वजनों ने अर्थी सजायी तथा स्वीटी का पुतला बनाकर उसपर लिटाया-
स्वजन स्वीटी के कुकृत्य से इतने आहत हुए कि उन्होंने निर्णय लिया कि वे अब स्वीटी से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे, वह उनके लिए सदा के लिए मर चूकी है। कुछ इसी को लेकर उन्होंने समाज में एक नया संदेश तथा लगातार मां-बात के अरमानों का गला घोंटते देख निर्णय लिया कि स्वीटी का अंतिम-संस्कार कर दिया जाए, ताकि इससे आनेवाली पीढी सबक ले। मौके पर अर्थी सजायी गई, उसपर स्वीटी का पुतला बनाकर रखा गया तथा चार कंघों पर लेकर उसके स्वजन टीकापट्टी कोसी धार स्थित श्मशान घाट के किनारे पहूंचे। एकलौते भाई बिहारी ने उतरी पहनी तथा स्वजनों के साथ चिता सजाकर अपनी बहन को मुखाग्नि दी। इतना ही नहीं, उसने अपनी बहन के यादगार के हर चीज को चिता पर रख दिया।
- बहुत ही दुखद घटना है, स्वीटी के अंतिम-संस्कार से समाज को एक नई दिशा मिलेगी: अरविंद साह
बहुत ही दुखद घटना है, स्वीटी के जीते-जी अंतिम-संस्कार से समाज को एक नई दिशा मिलेगी। उक्त बातें भाजपा मंडल के अध्यक्ष अरविंद साह ने स्वीटी के घर से भाग जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं आम हो गई हैं, बच्चे होश गंवा बैठे हैं। तनिक सुख की खातिर अपने मां-बाप के अरमानों के गले घोंटते चले जा रहे हैं। यह नहीं सोचते कि हर माता-पिता के अरमान होते हैं। वे अपनी संतान के दुश्मन नहीं होते हैं, बल्कि उनकी खुशी के लिए अपनी जान भी गंवाने के लिए भी तैयार रहते हैं, वही संतान उनकी हर अरमान को तार-तार करने से नहीं चूक रहे हैं। इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाना जरूरी है। स्वजनों ने स्वीटी का जो जीते-जह अंतिम-संस्कार किया है, यह समाज को एक नई दिशा देगा। लोगों को एक सीख मिलेगी तथा इस तरह के कुकृत्य करने से बचेंगे।
- इस तरह की वेदना लडका पक्ष के ओर भी है तथा वे भी मुंह छिपाते फिर रहे हैं-
स्वीटी गांव नागरटोला के ही लडके सुधांशु मंडल पिता अरूण मंडल के साथ भागी है। यद्यपि उन्हें पुलिस ने पकड लिया है तथा लडकी का 164 का बयान करवाने पूर्णिया ले गई है। परंतु इस घटना से अरूण मंडल का परिवार भी काफी आहत दिख रहा है। मौके पर वे कहते हैं कि उनके पुत्र ने उन्हें कहीं मुंह दिखाने के लिए नहीं छोडा है। उनके घर में भी बेटी है, उसकी भी शादी होनी है, इस तरह के कुकृत्य से कौन उनकी लडकी से शादी करेगा। ऐसी संतान होने से बेहतर था कि ऐसी संतान ही नहीं होती। वे समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं रहे हैं। वे अपने लडके को कभी भी अपने घर में नहीं घुसने देंगे, वह जिस तरह का कुकर्म किया है, वह फल भुगते। अगर उसे ऐसी ही इच्छा थी, वह उनसे बात करता, वह लडकी वाले से बात करते, कोशिश करते कि राजी-ख़ुशी शादी हो जाए, परंतु उन्हें क्या पता था कि उसका खुन ही उसके चेहरे पर कालिख पोत देगा।
![मां का फटा कलेजा, स्वजनों का उभरा आक्रोश, घर से भागी लडकी का किया पुतला बनाकर अंतिम-संस्कार Mother's heart torn, relatives' anger emerged, cremation of a girl who ran away from home by making an effigy](https://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/06/WhatsApp-Image-2023-06-19-at-5.12.06-PM-461x1024.jpeg)
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