- मौके पर सास एवं पति गिरफ्तार, किया गया मामला दर्ज
- 30 दिसंबर की शाम घर में लटका मिला था शव
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: टीकापट्टी थाना क्षेत्र के गोडियर सैराटोला गांव में 30 दिसंबर को नवविवाहिता की संदेहावस्था हुई मौत के मामले में मां रामवती देवी ने पति सहित पांच लोगों पर दहेज प्रताडना का आरोप लगाते हुए हत्या करने का आरोपित करते हुए कांड संख्या 130/2023 के तहत मामला दर्ज कराया है। मौके पर ही पुलिस ने पति हरेराम महतो एवं सास राजकुमारी देवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। साथ ही फरार आरोपितों की तलाश में जूट गई है। यह बता दें कि खुशबु देवी पति हरेराम महतो का षव 30 दिसंबर की शाम उसके घर में फांसी पर लटका मिला था। उसका पति हरेराम महतो जब मजदूरी करके शाम को लौटा, तब वह कमरे में अपनी पत्नी खुशबु को फांसी पर लटके देखा, तब उसने पडोसियों एवं सगे-संबंधियों को खबर की।
हत्या या आत्महत्या, लोगों की समझ से बाहर-
खुशबु को फांसी पर झूलते सबसे पहले उसका पति हरेराम महतो ने देखा था तथा पडोस में खबर की थी। खुशबु का शव जिस प्रकार फांसी से लटका मिला था, उससे स्पष्ट लोगों को लगने लगा था कि पहले उसकी हत्या की गई है तथा बाद में आत्महत्या दिखाने के लिए उसे फांसी से लटका दिया गया है। शव का पैर जमीन को छू रहा था तथा उसके शरीर पर जितने भी कपडे थे, वह अस्त-व्यस्त ना होकर सही सलामत थे। इतना ही नहीं गले में लगी रस्सी से भी गले में वी आकार का कोई सेप नहीं दिख रहा था। ऐसा लग रहा था कि पहले उसका गला घोंटा गया था, फिर उसे फांसी पर लटका दिया गया था। उसके सटे चौकी पर विछावन अस्त-व्यस्त पडा हुआ था। जबकि ऐसा देखा गया है कि मरता हुआ व्यक्ति भी आखरी क्षणों में बचने का प्रयास करता है, परंतु खुशबु अगर फांसी पर लटकती, तो उसे आखरी क्षणों में बचने के घटना स्थल पर कई उपाय थे।
ससुरालवालों का व्यवहार अजीब लगा-
खुशबु के फांसी पर लटकने तथा पुलिस के पहूंचने तक उसके ससुरालवाले पति, सास, भैंसूर, गोतनी सभी वहीं थे तथा अपने को निर्दोष साबित कर रहे थे, परंतु जैसे ही पुलिस ने सास एवं पति को हिरासत में लिया, वैसे ही अन्य लोग वहां से भीड एवं अंधेरा का फायदा उठाकर फरार हो गए। अक्सर देखा जाता है कि हत्या के दोषी या उनपर शंका होने के भय से ही आरोपित फरार हो जाते हैं, परंतु ससुरालवाले पुलिस के सामने डटकर खडे थे, क्या वह वास्तव में दोषी नहीं थे, क्या कोई दूसरा ऐसी घटना का अंजाम दे दिया है। इस तरह के कई सवाल गांववालों के जेहन में कौंध रहे हैं।
ससुरालवालों के रिश्ते गांववालों से अच्छे नहीं हैं-
खुशबु के ससुराल वालों के गांव वालों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं। उसके घर कोई नहीं जाता था, हमेशा ही उसके घर वाले लोगों से झगडते ही रहते थे, कुछ इसी कारण लोग उसके यहां जाने से परहेज करते थे। खुशबु का शव जिस घर में मिला था, वह बिल्कुल पडोसियों एवं सडक के किनारे है, जहां हमेशा ही दर्जनों लोग बैठते हैं। फिर किस तरह खुशबु की हत्या की गई कि किसी को कुछ भी पता नहीं चल पाया। देखें पुलिस इस घटना से कबतक पर्दा उठाती है।
अंत्यपरीक्षण के बाद जैसे ही शव लौटा, वैसे ही कोहराम मच गया-
खुशबु का शव अंत्यपरीक्षण के बाद जैसे ही गोडियर सैराटोला गांव पहूंचा, वैसे उसके स्वजनों में चित्कार मचा हुआ है। मां रामवती देवी, भाई सचिन,सरोज, सौरभ, बहन पिंकी देवी सहित सभी स्वजन उसके शव से लिपटकर चित्कार कर उठे। मां रामवती देवी उसके शव से लिपटकर बस यही कहे जा रही थी कि उसकी रानी-सी बच्ची को ससुराल के लोगों ने मार डाला। उसकी फूल-सी बच्ची ऐसा लगता था जैसे वास्तव में फूल जैसी है, इसलिए उसका नाम उसने खुशबु रखा था। बिल्कुल फूल-सी कोमल थी।
8 मई को हुई थी खुशबु की शादी-
मृतका खुशबु की शादी 8 मई 2023 को हुई थी। खुशबु का मैके मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज थाना के झलारी गांव में पडता है। उसकी शादी बडे धूमधाम से अपनी शक्ति से बढकर दान-दहेज देकर किया गया था। उसकी शादी के तुरत बाद से ही पति-पत्नी, सास सहित सभी के साथ खुशबु का रिश्ता 63 में बदल गया था। उसे हमेशा ही प्रताडित किया जाने लगा। इससे उसके माता-पिता मैके ले गए थे। बेटी का घर बसाने के लिए मां-बाप फिरसे प्रयास करने लगे तथा इसको लेकर पंचायत भी बिठाई। पूर्व मुखिया रामजी महतो के यहां पंचायत बैठी तथा निर्णय के अनुसार बुधवार को खुशबु फिर से अपनी ससुराल आ गई। दूर्भाग्य कि ससुरालवालों का उससे कोई लगाव नहीं रहा था तथा फिर से ताने देने लगे थे तथा तरह-तरह के आरोप लगाते हुए उसे प्रताडित किया जाने लगा था।
