बीएसपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
नई दिल्ली: हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन एवं प्रशासनिक अधिकारियों को चेतवानी दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा है कि संविधान के आर्टिकल 19 और 22 के तहत पत्रकारों के मूल अधिकारों की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस किसी भी पत्रकार के सूत्र के विषय में नही पूछ सकती है और न ही कोई न्यायाल पूछ सकती है। तब तक जब तक कि पत्रकारों के खिलाफ बिना जांच और पुख्ता सबूत के दर्ज मुकदमे और गवाही की जांच नही हो जाती है। वर्तमान में आज कल देखा जा रहा है कि पुलिस पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन कर रही है, क्यों कि अधिकतर मामले में पुलिस खुद को श्रेष्ठ बनाने के लिए ऐसा करती है।
इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने कड़े रुख दिखाते हुए कहा है की अगर पुलिस ऐसा करती पाई जाती है तो फिर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इस बयान के बाद भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि यह निर्णय और कटाक्ष पत्रकारों के हित में एक मील का पत्थर साबित होगा। अक्सर पत्रकार किसी न किसी रूप में कानून की आड़ में अत्याचार करने वालों का शिकार बन जाते हैं। परंतु सुप्रीम कोर्ट के इस कटाक्ष भरे फैसले के बाद अवश्य ही पत्रकारों को काम करने की आजादी में प्रचुरता लाएगी। भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ इस निर्णय का स्वागत करता है।
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