- प्रखंड स्तर में ही कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने में लोगों को मिलेगी सहूलियत
- तीन स्तर से होती है कुपोषित बच्चों की पहचान
- डाइट चार्ट के अनुसार आवासित बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार
- इलाजरत बच्चों के अभिभावकों को रहने खाने सहित मिलेगी श्रम क्षतिपूर्ति राशि
कटिहार: जिले के अनुमंडलीय अस्पताल, मनिहारी में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. जे. पी. सिंह द्वारा पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के बाद प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा केंद्र में उपस्थित बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए अस्पताल में बच्चों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जांच की गई। साथ ही प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल में उपलब्ध बच्चों के परिजनों से समय पर कुपोषण की पहचान करते हुए कुपोषित बच्चों को सही पोषण देते हुए सुपोषित करने के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। एनआरसी उद्घाटन समारोह में प्रभारी सिविल सर्जन के साथ डीपीएम भगवान प्रसाद, डीएमएनई अखिलेश सिंह, डीपीसी मजहर आलम, पिरामल फाउंडेशन एडीसी मनीष कुमार सिंह के साथ प्रखंड एसडीएच अध्यक्ष, अस्पताल प्रबंधक खुशबू कुमारी, अकाउंटेंट व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
- प्रखंड स्तर में ही कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने में लोगों को मिलेगी सहूलियत :
एनआरसी का उद्घाटन करते हुए प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. जे. पी. सिंह ने कहा कि पहले केवल जिला सदर अस्पताल में ही पोषण पुनर्वास केंद्र का संचालन किया जाता था। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दूरी एवं समय की समस्या के कारण अस्पताल में रहकर कुपोषित बच्चों का इलाज कराने में समस्या होती थी। इसी समस्या के समाधान के लिए नीति आयोग द्वारा उपलब्ध राशि से प्रखंड स्तर पर एनआरसी खोला जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों को अस्पताल में कुपोषित बच्चों को रखते हुए समय से उसका इलाज करवाने में सहूलियत होगी। इससे जिले में कुपोषित बच्चों की समय पर पहचान करते हुए उनका सही समय पर अच्छी तरह से इलाज आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर एनआरसी होने से उस क्षेत्र से सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशा कर्मियों को विशेष रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान करते हुए उन्हें समय से अस्पताल भेजने का निर्देश जारी किया गया है। जिससे कि कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य किया जा सके और जिले से कुपोषण की समस्या जड़ से समाप्त हो सके।
- तीन स्तर से होती है कुपोषित बच्चों की पहचान :
डीपीसी मजहर आलम ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में 0 से 5 आयुवर्ष तक के अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को रखा जाता है। कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए तीन स्तर पर उनकी जांच की जाती है। सर्वप्रथम बच्चे की हाइट के अनुसार वजन देखा जाता है। दूसरे स्तर पर एमयूएसी जांच में बच्चे के बाजू का माप 11.5 से कम होना तथा तीसरे स्तर पर बच्चे का इडिमा से ग्रसित होना शामिल हैं। तीनों स्तर पर जांच के बाद बच्चे को कुपोषण की श्रेणी में रखते हुए एनआरसी में रखा जाता है। इसके बाद ही उन्हें चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार के साथ पौष्टिक आहार दिया जाता है। जिससे कि समय रहते बच्चे सुपोषित हो सके।
- डाइट चार्ट के अनुसार आवासित बच्चों को मिलेगा पौष्टिक आहार :
पिरामल फाउंडेशन के एडीसी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि एनआरसी में आने वाले बच्चों के लिए अलग से डाइट प्लान तैयार किया जाता है। जिसके अनुसार बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। जिसमें खिचड़ी, दलिया, सेव, चुकंदर, अंडा, हरी सब्जियां सहित अन्य पौष्टिक आहार नि:शुल्क खिलाया जाता है। आवासित बच्चों के साथ उनके एक अभिभावकों को भी रहने एवं खाने की व्यवस्था की जाती है। इसलिए सभी लोगों को अपने कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए एनआरसी आना चाहिए ताकि उनका बच्चा बिल्कुल स्वस्थ्य व तंदुरुस्त हो सके।
- इलाजरत बच्चों के अभिभावकों को रहने खाने सहित मिलेगी श्रम क्षतिपूर्ति राशि :
डीपीएम स्वास्थ्य भगवान प्रसाद ने बताया कि एनआरसी में कुपोषित बच्चों के इलाज के साथ बच्चों के एक अभिभावक को भी रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही परिजनों को श्रम क्षतिपूर्ति राशि के रूप में 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान का भी प्रावधान है। आशा द्वारा बच्चा लाये जाने पर उन्हें 250 रुपये इंसेंटिव के रूप में दी जाती है। इसलिए सभी लोगों को अपने क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र जरूर भेजना चाहिए।
![अनुमंडलीय अस्पताल मनिहारी में पोषण पुनर्वास केंद्र शुरू Nutrition Rehabilitation Center started in Sub-Divisional Hospital Manihari](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230725-WA0002-1024x768.jpg)
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