सहरसा, अजय कुमार: श्री नारायण सेवा संस्थान के द्वारा श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के आज चौथे दिन सोमवार के संध्या कालीन बेला में पूज्य श्री रामानयन जी महाराज ने दक्ष प्रजापति एवं शिव और पार्वती विवाह का प्रसंग के साथ-साथ ध्रुव चरित्र का व्याख्यान देकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होने कहा कि सुरुचि ने कहा बेटा ध्रुव तू अगर पिता के गोद में बैठना चाहता है। तो जाकर भगवान की आराधना करें। जब वह प्रसन्न हो जाए तो उनसे वरदान मांगना। ध्रुव जी रोते बिलखते अपनी मां के पास आए। सुनीति ने समझाते हुए कहा बेटा तेरी मां सुरुचि ने ठीक ही कहा है। मुझ मंद भागनी के कोख से जन्म लेना दुर्भाग्य है। बेटा यदि तू पिता की गोद में बैठना चाहता है तो भगवान के चरण कमलों की आराधना कर। उसके बाद ध्रुव जी के वंशजों का वर्णन किया गया। हिरण्यकशिपु ने कहां है तेरा भगवान। तो पहलाद जी ने कहा कहां नहीं है मेरा भगवान। पिताजी मुझे तो दिख रहे हैं हिरण्यकशिपु ने जोर से गदा का प्रहार किया तो खंभा टूट गया और साक्षात भगवान नरसिंह के रूप में प्रकट हो गए। भगवान हिरण्यकशिपु के साथ युद्ध क्रिया करने लगे। एक-एक करके भगवान ने उसे सभी वरदान पूर्ण किए। और जैसे गरुड़ सर्प को चीर देता है। उसी प्रकार भगवान ने हिरण्यकश्यप को चीर दिया और उसकी आंतो को माला बनाकर भगवान ने पहन ली। सभी प्रभु की अस्तुति करके उनका क्रोध शांत किया गया।
गजेंद्र उपाख्यान समुद्र मंथन का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया नवम मुस्कान देवनारायण ब्रह्म मरीचि कश्यप सूर्य मनु नवाज नवाज अमृत जी सदैव भगवान के चरणों का चिंतन करते थे। सदैव कानों से श्रीहरि का कथा सुनते थे। यदि हम लोग भी भगवान की भक्ति करेंगे तो भगवान हम लोगों के सामने ही प्रकट होकर के हम लोगों की रक्षा करेंगे। उसके बाद भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए श्री नारायण सेवा संस्थान के सक्रिय सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में अपने अपने कार्य का दायित्व निर्वाह कर रहे हैं। मुख्य रूप से संस्थान के संरक्षक डॉ नवनीत, सदस्य नन्हे सिह, सोनू तोमर, दीपक सिंह, सुनील झा, प्रशांत कुमार राजू, पकंज गुप्ता, अमरज्योति जायसवाल, आशीष रंजन, विनीत कुमार, समीर कुमार मिठू, सत्यनारायण भगत, उमेश गुप्ता, आशीष रंजन, ऋषभ झा, रामेश्वर साह, आशुतोष आनंद, अंकित सिंह, गौरव सिंह, समीर कुमार मिठू,राज सिंह चम्पू,रोहन सिन्हा, शिवम वर्मा, मोनू महाकाल, लक्की यादव, प्रिंस सिंह,रवि सिंह, अभिषेक गुप्ता, टिंकू सिंह, ईशान सिंह, विनय, ऋषव, संगम सिंह, मनीष विश्वास, अमन सुज्जू, शिवम तिवारी, सोनू सिंह, विवेक झा, सत्यम सिंह, गौतम भगत, कन्हैया सिंह आदि सक्रिय रहे।
