पूर्णिया: दिनांक 21.09.2023 को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डा॰ पंकज कुमार यादव की देख-रेख में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व॰ भोला पासवान शास्त्री जी का जन्म दिवस समारोह का आयोजन महाविद्यालय धूम-धाम से किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा॰ जनार्दन प्रसाद ने किया, उनके द्वारा सबसे पहले महाविद्यालय के मुख्य भवन में स्थापित भोला पासवान शास्त्री जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं पुष्प अर्पित किया गया तथा इस अवसर पर उपस्थित सभी शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियो द्वारा प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया। सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य ने महाविद्यालय के सभी शिक्षकों, वैज्ञानिकों, छात्र/छात्राओं एवं कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि भोला पासवान शास्त्री जी बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी अपना स्वयं का घर/मकान तक नहीं बना पाए। इस प्रकार उनकी ईमानदारी, निष्ठा तथा राष्ट्र एवं समाज के प्रति उनके त्याग का परिणाम है, आज के दिन हम सभी को ऐसे महान पुरूष के आदर्शों करने की जरूरत है। शास्त्री जी की ईमानदारी एवं निष्ठा को देखते हुए बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री वर्ष 2010 में पूर्णिया जिले में उनके नाम पर इस महाविद्यालय का नाम भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ के रूप में स्थापित किया। प्राचार्य डा॰ प्रसाद ने बताया की भोला बाबू की भद्रता, भलमनशाहत पूरे बिहार में विदित थी। भोला बाबू का जन्म सदर थाना अन्तर्गत गणेशपुर, ग्राम पंचायत के बैरगाछी गाँव में अवस्थित एक दलित परिवार में दिनांक 21 सितम्बर 1914 को हुआ था। स्व॰ शास्त्री जी के पूज्य पिता का नाम स्व॰ पुसर पासवान था। स्व॰ भोला पासवान शास्त्री जी को शास्त्री की उपाधि वर्ष 1938 में प्रदान की गयी थी। स्व॰ पासवान ने अपनी राजनीति की शुरूआत वर्ष 1938 में पूर्णियाँ जिला बोर्ड के चुनाव से किया था। वर्ष 1938 से 1942 तक पूर्णियाँ जिला कांग्रेस के सदस्य थे, वर्ष 1942 में आजादी के आन्दोलन में कूदे और दो वर्ष तक कारावास की सजा भी भुगते।
कार्यक्रम पदाधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना डा॰ पंकज कुमार यादव ने बताया कि स्व॰ भोला पासवान शास्त्री के द्वारा राष्ट्र सन्देष, लोकमान्य एवं राष्ट्रवादी जैसे सप्ताहिक दैनिकों का सम्पादन भी किया साथ ही साथ ष्मेरी वियतनाम यात्राष् नाम की एक पुस्तक भी लिखी गयी थी। श्री कृष्ण सिन्हा के मंत्रिमण्डल में पौने छः साल तक संसदीय सचिव तथा पं॰ विनोदानन्द झा के मंत्रिमण्डल में कैविनेट स्तर के मंत्री रहे। स्व॰ भोला पासवान 22 मार्च 1968 को प्रथम वार बिहार के मुख्य मंत्री बने परन्तु 29 जून 1968 को इस्तीफा दे दिया। दूसरी बार 22 जून 1969 से 04 जुलाई 1969 तक एवं तीसरी बार 02 जून 1971 से 09 जनवरी 1972 तक, बिहार मंे कुल तीन बार मुख्य मंत्री पद पर रहें। 1972 से 1982 तक राज्य सभा के सदस्य रहे तथा फरवरी 1973 से अक्टुबर 1974 तक केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के स्नातक कृृषि प्रथम वर्ष के छात्र/छात्राओं में अर्चना सिंह, साक्षी राज, कुमारी मोना, सादिया तनवीर, चाँदनी कमारी, दीक्षा, सोनल, मुस्कान, स्नेहा, कुमारी मोना, अभिषेक कुमार, हर्ष कुमार, आलोक कुमार, किरोम सिरान, प्रवीर पटेल, मो0 शाहिद हुसैन, मो0 अबरार, मनीष रजक, आलोक रंजन, सौरभ कुमार, नीलकमल, शुभम कुमार, नीतिश कुमार, आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर महाविद्यालय के वैज्ञानिकों में डॉ मिथिलेष कुमार, श्री एस॰ पी॰ सिन्हा, डा॰ पंकज कुमार यादव, डा॰ सूरज प्रकाश, डॉ विकास कुमार, अकांक्षा, डॉ राधेष्याम, डा॰ पी के मण्डल, डा॰ आषीष रंजन, डा॰ रूबी साहा, डा॰ माचा उदय कुमार, सुश्री प्रियंका कुमारी एवं अन्य कर्मचारियों में कैलाष मण्डल, नवीन लकड़ा, अनुपम, दिलीप कुमार, नीतु, श्रवण, चन्दमणि, लियाकत, सुनिल कुमार आदि ने भाग लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन स्नातक प्रथम वर्ष की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवक छात्र सौरव कुमार द्वारा किया गया।
Tiny URL for this post: