पूर्णियाँ, वि० सं० अरुण कु० सिंह: 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर उपभोक्ता-जागरूक कार्यक्रम का आयोजन जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पूर्णिया में किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आयोग के कर्मी अधिवक्ता गण और उपभोक्ता गण उपस्थित हुए और कार्यक्रम का लाभ उठाया। कुछ गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु अपने-अपने विचार भी रखे। आयोग के अध्यक्ष किशोर कुमार सिन्हा ने जानकारी देते हुए कहा कि सर्वप्रथम 9 दिसम्बर 1986 को भारत सरकार की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और 24 दिसम्बर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून के रूप देश देश भर में लागू हो गया। तभी से प्रत्येक वर्ष 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों तथा हितों के प्रति जागरूक करना है। ताकि वे ठगी के शिकार नहीं हो सकें। हम सभी 130 करोड़ लोग उपभोक्ता के श्रेणी में आते है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने आवश्यकतानुसार वस्तुओं या सेवाओं का उपयोग करते हैं या क्रेता हैं। इसके लिए हम कीमत चुकाते हैं और उस कीमत के एवज में यदि उसे मानक वस्तुएँ या सेवाएँ उपलब्ध नहीं होते है तो वैसे मामले उपभोक्ता विवाद की श्रेणी में आते हैं। इसके विरूद्ध उपभोक्ता, जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर सकते हैं। यहाँ उपभोक्ता को त्वरित न्याय प्राप्त होता है।
![राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर उपभोक्ता-जागरूक कार्यक्रम का आयोजन Organization of consumer-awareness program on the occasion of National Consumer Day](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/12/IMG-20231224-WA0008-1024x576.jpg)
इसके अन्तर्गत विद्युत, इन्सोरेन्स, बैंकिंग, चिकित्सा एवं होटल सेवा सम्बन्धी विवाद भी आते हैं। उपभोक्ता अपनी शिकायत जिला उपभोक्ता फोरम में ऑन लाईन या ऑफ लाईन भी दर्ज कर सकते है। इसे और सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को लाया गया जिसके अन्तर्गत ऑन लाइन खरीददारी और ई-कॉमर्स भी आता है। 50 लाख तक के दावा सम्बन्धी मामला जिला उपभोक्ता आयोग में लाया जा सकता है। 5 लाख के दावा तक कोई न्यायालय शुल्क नहीं है। 5 लाख से 10 लाख तक 200 रूपये का भारतीय पोस्टल आर्डर या डिमांड ड्राफ्ट। 10 लाख से 20 लाख तक 400 रूपये का भारतीय पोस्टल आर्डर या डिमांड ड्राफ्ट। 20 लाख से 50 लाख तक 1,000 रूपये का भारतीय पोस्टल आर्डर या डिमांड ड्राफ्ट शुल्क देय होगा। इस मौके पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पूर्णिया के पूर्व सदस्य सह वरीय अधिवक्ता युगल किशोर मेहता, अधिवक्ता अशोक कुमार, ठाकुर राम विनोद शर्मा एवं अन्य अधिवक्ता गण के अलावा सेवानिवृत्ति प्रधान लिपिक सपना डे, कार्यालय लिपिक अजीत प्रताप, कार्यालय सहायक कुमारी सुमन, डी०ई०ओ० अखिलेश कुमार एवं रवि पाराशर, कार्यालय कर्मी अरुण प्रसाद यादव के अलावे कई उपभोक्ता गन भी उपस्थित थे।
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