पटना : राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना होनी चाहिए या नहीं? इस सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि जातीय जनगणना राष्ट्रीय स्तर पर होनी चाहिए। जनगणना के दौरान जो जानकारी निकलकर आए उसपर ईमानदारी से स्थिति में सुधार का प्रयास होना चाहिए। आज राहुल गांधी इस देश में कह रहे हैं कि जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए। उनसे ये कोई नहीं पूछ रहा है कि पिछली बार जनगणना की गई तो 10 साल यूपीए की सरकार थी, उस समय जाति के आधार पर जनगणना कराया गया।
इसके बावजूद कांग्रेस की यूपीए सरकार ने रिपोर्ट रिलीज तक नहीं किया। भला उन्हें रिपोर्ट को रिलीज करने से किसने रोका था? आज समाज को बांटने के लिए हल्ला मचा रहे हैं। जातीय जनगणना पहले हो चुकी है, उसे रिलीज तो कीजिए? न कांग्रेस ने किया और न ही भाजपा ने। ये आपको-हमको बेवकूफ बनाने के लिए, मुद्दा बनाने के लिए, समाज में बांटने के लिए लोग कह रहे हैं। 10 साल से अब भाजपा सरकार में है, उन्होंने भी रिपोर्ट जारी नहीं की। जो जनगणना पहले हो चुकी है, उसके आंकड़े पहले जारी कर दो।
कर्नाटक में जातीय जनगणना करा लो, तेलंगाना में जातीय जनगणना करा लो, तब लोगों का विश्वास बनेगा। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कर्नाटक में आपकी सरकार है आप वहां जातीय जनगणना नहीं करा रहे और बिहार में आकर लोगों को अगड़ा-पिछड़ा करके बांट रहे हैं।
मध्यप्रदेश की महिलाओं को लाडली स्कीम के तहत 15 सौ रुपये और बिहार की महिला जो सबसे गरीब है उसे 5 सौ रुपए भी ये बीजेपी वाले नहीं दे रहे हैं -प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस ने वादा किया कि महिलाओं को हर महीने 3 हजार रुपए मिलेगा और बिहार में उनकी अभी सरकार थी, यहां वृद्धा पेंशन 400 रुपए मिल रहा है। राहुल गांधी अभी यहां से गए किसी ने उनसे ये नहीं पूछा कि आप गरीबों की बात करते हैं, कर्नाटक का गरीब गरीब है, कर्नाटक की महिला महिला है, कर्नाटक का बेरोजगार बेरोजगार है, तो क्या बिहार का बेरोजगार बेरोजगार नहीं है? अगर, कांग्रेस की सरकार बेरोजगारी भत्ता कर्नाटक में दे रही है, तेलंगाना में दे रहे हैं, तो बिहार में आपकी सरकार थी, आपने बिहार में बेरोजगारी भत्ता क्यों नहीं दिया?
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में भाजपा वालों ने लाडली स्कीम चालू किया है, तो वहां की महिलाओं को 1500 रुपए मिल रहा है। भाजपा बिहार में सरकार में है, तो यहां की महिलाओं को 1500 रुपए क्यों नहीं देते हैं? बिहार तो मध्य प्रदेश से ज्यादा गरीब है। बिहार में वो इसलिए नहीं दे रहे हैं कि नेताओं ने बिहार की जनता को मूर्ख समझ रखा है कि जाति के नाम पर वोट लेते रहो, 4 किलो अनाज के नाम पर वोट लेते रहो बिहार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
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