सहरसा, अजय कुमार: गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र को संबोधित कर डाॅ अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि अहंकारमुक्त जीवन खुशियों का आधार है। अहंकार का विसर्जन एवं दुर्गुणों को छोड़ना, मानव जीवन का सबसे बड़ा सद्गुण है। जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के लिए निरंतर सीखते रहें।जीवन के हर पहलू में समानता का भाव रखें। किसी प्राणी का मजाक एवं व्यंग्य न उड़ाएं। अपनी उपलब्धियों का बखान न करें। खुद को जानने का प्रयास करें। योग्यता के साथ विनम्रता रखें। सभी नागरिक के साथ समान व्यवहार करें।
प्रकृति के बीच समय गुजारें और पर्यावरण का महत्व दें। अपने व्यक्तित्व को परिष्कृत करते चलें। इस प्रकार अपने जिन्दगी में बदलाव लाकर अपने जीवन को सार्थक कर सकते हैं। शक्तिपीठ के ट्रस्टी सुकदेव सिंह की पत्नी एवं उनके पुत्र के आकस्मिक निधन से शोकाकुल गायत्री परिवार दिगंवत आत्मा के शांति के लिये पांच मिनट का मौन रखकर ध्यान किए। इधर गायत्री परिवार शोक से निकले भी नही थे कि गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी डॉक्टर प्रो प्रकाश लाल दास की पत्नी के निधन से शोकाकुल हैं।उनकी पार्थिव शरीर की विदाई गायत्री मंत्र के साथ पुष्पमाला अर्पित कर अंतिम संस्कार के लिए की गई।