पटना : सियासत में जुबानी लड़ाई का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने के दौरान बात गाली-गलौज तक पहुंच जा रही है। महागठबंधन और एनडीए दोनों गठबंधनों के नेता मर्यादा को लांघ रहे हैं। जमुई में एक चुनावी सभा के दौरान आरजेडी के किसी नेता या कार्यकर्ता ने सरेआम चिराग पासवान की मां के लिए बेहूदा भाषा का इस्तेमाल किया। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
इसी बीच जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में राजनीति और वाद-विवाद का स्तर यही है। बिहार में ज्यादातर लोग भी ऐसे ही व्यक्ति को नेता मानते हैं जिसको भाषा का कोई ज्ञान न हो विषय का ज्ञान न हो। बिहार में जो व्यक्ति शर्ट के ऊपर गंजी पहने उसी को समाज जमीनी नेता मानता है। जो आदमी गाली-गलौज करे, बदमाशी करे लूटमार करे, गोली बंदूक की बात करे उसी को बिहार में मजबूत नेता लोग मानते हैं।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नेताओं के कहे गए ऐसे फिजूल शब्दों पर मेरा कोई यकीन नहीं है, न ही मैं ऐसे शब्दों का प्रयोग करता हूं न ही कोई दूसरा करता है तो मैं रिएक्ट करता हूं। मैं पदयात्रा किसी नेता पर तीखा टिप्पणी करने किसी नेता की शिकायत करने के लिए पदयात्रा नहीं कर रहा हूं। मुझे समाज के साथ काम करना है।
कई लोगों को लग सकता है कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा मगर आप इतना मान कर चलिए कि बिहार में जितने लोगों को आप नेता मानते हैं या जो लोग भी राजनीति करते हैं उससे कम राजनीति की समझ मुझे भी नहीं है। थोड़ी बहुत राजनीति की समझ मुझे भी है। बिहार में जो सबसे बड़ा नेता होगा उनके नेताओं के नेता को हमनें सलाह दिया है तो ऐसा नहीं है कि बिहार की राजनीति और समाज की समझ मुझे नहीं है।
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