पूर्णिया : टीकापटी बाजार में भले ही सैरात की जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त् कराने के लिए कार्रवायी पिछले पांच वर्षों से होती रही हो, परंतु सच यह है कि आजतक सैरात की जमीन को पूर्णतः खाली नहीं कराया गया । इस सैरात की जमीन पर मुख्यरूप से बाजार बसाना था, जिससे यहां की बेरोजगारी दूर हो सके ।
यहां सैरात की लगभग 2 एकड 37 डिसमिल जमीन है । इस जमीन को खाली करवाने के लिए पहली बार पहल की गई, जिसमें लगभग 54 व्यक्तियों के नाम अतिक्रमणकारियों में शामिल थे, सभी को हाईकॉर्ट के आदेश पर सीओ के यहां से नोटिस भी आई, परंतु बस कुछ लोगों को खाली कराके प्रशाशन अपना पीठ थपथपाती रही ।
जबकि आमलोगों तथा अतिक्रमणकारियों का कहना है कि अगर हाईकॉर्ट के आदेश से सभी जमीन खाली करवा लिये जाते तथा सभी बरोजगार अतिक्रमणकारियों को यहां इस जमीन पर दुकान बना कर दे लिया जाता, तो निश्चित ही एक-दो नहीं, बल्कि हजार से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार मिल जाता ।
इन अतिक्रमणकारी का यह भी कहना है कि वे लोग ऐसे अपना घर नहीं बनाए, बल्कि पूर्व में जो भी बाजार का ठेका लिया, उन्होंने ही पैसे लेकर, उन्हें जमीन दुकान बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराया, तब उनलोगों ने पक्की या कच्ची दुकान का निर्माण कराया । इसके एवज में वे लोग प्रतिमाह उन्हें तय माहवारी भी देते आए हैं ।
यहां के लोगों ने सरकार से मांग की है कि जब हाईकॉर्ट ने सभी अतिक्रमणकारियों को हटाने का निर्देष दिया है, तब फिर रूक-रूककर कार्रवाई क्यों की जा रही है । उन्होंने सरकार से मांग की कि वह यहां के सैरात की जमीनको पूरी तरह से खाली करवाकर, इन जमीनों पर नक्सा के अनुसार दुकान बनवाए तथा बेरोजगारों को रोजगार के लिए उपलब्ध करवाए ।
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