अयोध्या: अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर निर्माण अंतिम चरण में है। महज कुछ महीनो के अंदर इसमें रामलला विराजमान हो जाएंगे। इसके निर्माण की कुछ ऐसी खूबियां हैं जो पूरी दुनिया को अचंभित करने वाली होंगी। जैसे 380 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 161 फीट की गगनचुंबी शिखर वाले विशाल भव्य मंदिर के निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ है। इसके अलावा इसके निर्माण की वास्तुकला में भारतीय वैज्ञानिक विरासत को भी समेटा जा रहा है। इसमें एक ऐसे उपकरण लगाने की तैयारी हो रही है, जिसकी मदद से हर साल रामनवमी के दिन भगवान सूर्य की किरणें मंदिर में स्थापित रामलाल के ललाट पर ठीक वैसे ही चमकेंगी जैसे सूर्यवंशियों की तस्वीरें भारतीय परंपराओं में लोकप्रिय हैं। आइए आज हम सिलसिलेवार तरीके से आपको इस मंदिर की खासियत के बारे में बताते हैं।
- रामलाल का भव्य दरबार
रामलला के इस मंदिर का गर्भ गृह बनकर तैयार हो गया है। 3 हजार मजदूर दिन रात राम मंदिर को आकार देने में जुटे हैं। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि अब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी आ गई है जो अगले साल 22 जनवरी को की जाएगी। 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह में शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्य तैयारी की जा रही है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सभी पूजा पद्धति और गुरु परंपरा से जुड़े करीब 4 हजार साधु संत आमंत्रित किए जाएंगे। साधु संतों और देश विदेश के लोगों को मिलाकर करीब 10 हजार अति विशिष्ट लोगों को न्योता दिया जाएगा।
- सूरज की रोशनी के लिए लगेगा विशेष उपकरण
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा कहते हैं, “एक उपकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर के शिखर पर लगाया जाएगा ताकि हर साल रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे पर कुछ देर के लिए पड़ेंगी।” खास बात ये है कि गर्भगृह के भीतर दो मूर्तियां रखी जाएंगी। एक मूर्ति में श्रीराम के पांच साल के बालक के तौर पर दर्शन होंगे। दूसरी मूर्ति में रामलला वर्तमान स्वरूप में नजर आएंगे। बाल्यवस्था वाली मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी।
- मंदिर निर्माण में 1800 करोड़ की लागत
रामजन्मभूमि में मंदिर का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि भक्त जैसे ही मंदिर के भीतर दाखिल होंगे उन्हें रामलला के दर्शन होने शुरू हो जाएंगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक मंदिर निर्माण पर अब तक 900 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि पूरे मंदिर और परिसर के निर्माण में लगभग 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
- एक ग्राम भी लोहे का इस्तेमाल नहीं
इस भव्य मंदिर के निर्माण में क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक ग्राम लोहे का भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। मंदिर के निर्माण में सिर्फ पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। गर्भ गृह और उसके आसपास नक्काशीदार बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है। इसके लिए पत्थर राजस्थान के भरतपुर जिले में बंसी, पहाड़पुर और सिरोही जिले लाया गया है।
जबकि गर्भगृह के भीतर का निर्माण राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद संगमरमर से किया जा रहा है, जिस पर नक्काशी का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबा का इस्तेमाल किया गया है।
हज़ार साल भी भव्य बना रहेगा मंदिर
राम मंदिर के 42 दरवाजे महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मंगाई लकड़ी से बनाए जा रहे हैं। ये लकड़ी खास है क्योंकि इसमें 600 साल तक दीमक नहीं लगेगी। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को आने वाले 1000 साल के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। मंदिर की खिड़की और दरवाजों के लिए चंद्रपुर की सागौन लकड़ी को चुना गया है। सागौन की लकड़ी की आयु 1000 साल होती है जबकि पत्थरों की भी आयु 1000 साल से अधिक होती है।
तीन मंजिला होगा राम मंदिर
अयोध्या का राम मंदिर तीन मंजिला होगा। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर की लंबाई 380 फीट और चौड़ाई 250 फीट होगी। राम मंदिर का शिखर 161 फीट उंचा होगा। वैसे तो प्राण प्रतिष्ठा और पीएम मोदी के उद्घाटन के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन मंदिर का निर्माण पूरा होने में 2025 के दिसंबर तक का वक्त लग सकता है।
सोने के सिंहासन पर विराजमान होंगे रामलला
बताया जा रहा है कि गर्भगृह में भगवान का आसन सोने का होगा। दरबार के दरवाजे पर भी भक्तों की तरफ से सोने की पत्ती चढ़वाने की गुजारिश हो रही है। राम मंदिर के आसपास की पूरी तस्वीर बदली जा रही है। अयोध्या नगरी ही बदल रही है। इतना ही नहीं अब सरयू नदी में क्रूज पर सवार होकर अयोध्या का दर्शन कर सकेंगे। दुबई में बने इस विशेष क्रूज का नाम जटायु रखा गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले पुष्पक और गरुण भी सरयू में विचरण करते हुए दिखाई देंगे। आपको बता दें कि लंबे संघर्ष और कानूनी लड़ाई के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरा हो रहा है।
(खबर पत्रकार एशिया के हवाले से)
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