पटना: सांसद मनोज झा द्वारा राज्यसभा में दिए ठाकुर के बयान पर बिहार की राजनीती ने बड़ा उफान ले लिया है। जगह-जगह से इसपर अलग-अलग प्रतिक्रियाये सामने आ रही है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, जहाँ राजपूतो की एक अलग राज्य बनाने की मांग शुरू हो गई। खबरों के अनुसार माने तो यह मांग कांग्रेस के पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय द्वारा बताई जा रही। बतादे की यह मामला अब पटना की सड़को पर तूल पकड़ता दिख रहा है। पटना की सड़कों पर बड़े बड़े होर्डिंग लगाकर ‘हमें चाहिए अलग राजपूताना राज्य’ की मांग की गई है। होर्डिंग में उन्होंने बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा जिलों को जोड़कर राजपूताना राज्य बनाने की मांग की है।
सिद्धार्थ क्षत्रिय के नाम से लगाए गए होर्डिंग में लिखा है कि नई संसद में राजदंड, देश में राजपूताना रेजीमेंट तो अलग राजपूताना राज्य क्यों नहीं? साथ ही राजपूतों के इतिहास को इंगित करते हुए बताया गया है कि हमारा इतिहास सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र, दानवीर कर्ण, पुरुषोत्तम राम, वीर कुंवर सिंह तक त्याग, बलिदान और सुनहरे राजकाज का है। इतना ही नहीं पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह को पिछड़ों को आरक्षण देने वाला, पूर्व कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह को पिछड़ों को उच्च शिक्षा में 27 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला और पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर को पिछड़ा जाति के समाजवादी नेताओं को मुख्यधारा में लाने वाला नेता बताया है। ये तीनों ही राजपूत जाति से आते हैं।
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