सहरसा, अजय कुमार: शहर के महावीर चौक स्थित श्यामसुंदर तुलसियान के आवास पर रानी सती पाठ का आयोजन किया गया। इसमें 101 सुहागन महिलाओं ने उपस्थित होकर पाठ में शामिल हुए। इस अवसर पर मुकुंद तुलसियान ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से रानी सती दादी पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भजन कीर्तन तथा महाभोग भंडारे का भी आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि रानी सती दादी को नारी के सम्मान ममता नारी शक्ति का प्रतीक एवं दुर्गा का अवतार माना जाता है। भादो की अमावस्या को उनकी विशेष पूजा-अर्चना होती है।उन्होंने बताया कि रानी सती दादी का इतिहास लगभग 400 वर्ष पुराना है।
रानी सती दादी का जन्म 1338 कार्तिक शुक्ल अष्टमी की मध्यरात्रि हरियाणा प्रांत के रुकवा गांव में गुरु सामल जी के यहां हुआ। वही उनका विवाह हिसार के महानगर के बोसल गोत्र तनधन दास जी के साथ बड़े धूमधाम से हुआ। 1352 ई को नारायण बाई का मुकलाना हुआ।मां नारायणी सती जी देवसर गांव के निकट सती हुई थी। उन्होंने बताया कि रानी सती दादी का राजस्थान के झुंझुनू मंदिर में बड़ी संख्या मे श्रद्धालू पहुंचते है। इस मौके पर सिलीगुड़ी से आए पवन अग्रवाल एवं अरुण अग्रवाल ने भाव विभोर होकर रानी सती दादी पाठ का गायन किया। इस अवसर पर अनिल मस्करा सहित अन्य मौजूद थे।