सहरसा, अजय कुमार: उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार मोटर यान अधिनियम के अंतर्गत लाए गए नए प्रावधानों से संबंधित सभी पक्षों को जागरूक करने के उद्देश्य से एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को विधिक सेवा सदन में किया गया।कार्यशाला का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक राज, जिलाधिकारी वैभव चौधरी, पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार वर्मा, एडीजे रत्नेश कुमार सिंह और सहरसा विधिक संघ के सचिव कृष्ण मुरारी प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया । कार्यशाला की शुरुआत में एसडीजेएम चंदन कुमार वर्मा ने 2022 में प्रतिस्थापित नए प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह सारे प्रावधान दुर्घटना पीड़ित को शीघ्रातिशीघ्र अनुतोष या मुआवजा दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए हैं।जिसमें सामान्य स्थिति में ऐसे पीड़ित को एक निश्चित समय सीमा के अंदर बिना किसी परेशानी या दौड़-धूप के मुआवजा प्राप्त हो सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव रवि रंजन ने बताया की इन प्रावधानों में एक गोल्डन आवर से भी संबंधित है। जिसमें दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 1 घंटे के अंदर ईलाज सुनिश्चित करने के लिए सभी पक्षों को प्रयासरत रहने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार द्वारा बीमा कंपनियों के सहयोग से कैशलेस योजना लाई जा रही है।परंतु वर्तमान में भी ऐसे घायल व्यक्ति का इलाज किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में नि:शुल्क करने का निर्देश है। इसका भुगतान बाद में संबंधित बीमा कंपनी या पीड़ित अनुतोष राशि से किया जाएगा। घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्ति को फिलहाल ₹5000 राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।
साथ ही उनकी पहचान किसी भी पुलिस जांच या अन्य किसी भी औपचारिकताओं में उजागर नहीं की जायेगी और ना ही उन्हे अस्पताल में ही अपना परिचय देने की जरूरत है। बार एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि नए प्रावधानों में प्रत्येक स्तर पर समय सीमा निर्धारित की गई है। हम सभी को इसका अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। मौके पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि यह प्रावधान समय की जरूरत है और जिले की पुलिस इसके अनुपालन के प्रति सजग रहेगी। उन्होंने यह भी कहा की दुर्घटना से संबंधित सभी प्रकार के प्रतिवेदन समय न्यायाधिकरण के समक्ष समर्पित किया जाएगा।साथ में उन्होंने जिले वासियों से वाहन चलाते समय नियमों का पालन करने का भी अनुरोध किया।जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके। जिलाधिकारी ने इस कार्यशाला के उद्देश्यों को प्रासंगिक बताते हुए जिला प्रशासन ,पुलिस प्रशासन, बीमा कंपनियों के अधिकारी गण सहित सभी पक्षों को मोटर यान अधिनियम में प्रतिस्थापित इन नए प्रावधानों के तहत अपने अपने कर्तव्यों का उचित निर्वहन का आह्वान किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार आलोक राज ने कहा कि मानव जीवन बहुत ही कीमती है। लोक कल्याणकारी राज्य में न्यायपालिका, पुलिस प्रशासन,जिला प्रशासन सभी को उच्चतम न्यायालय के निर्देश एवं केंद्र द्वारा पारित नए प्रावधानों का उचित अनुपालन के लिए प्रयासरत रहना है। ताकि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आए।साथ ही दुर्घटना पीड़ित को यथोचित प्रति कर प्राप्त हो। कार्यशाला में सभी न्यायिक पदाधिकारी गण ,जिला परिवहन पदाधिकारी, जिले के लगभग सभी थानाध्यक्ष, बीमा कंपनी के पदाधिकारी एवं अधिवक्तागण भी उपस्थित थे।
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