- धूसर टीकापट्टी पंचायत में डीडीसी ने कचरा निस्तारण केंद्र का उदघाटन किया
- मौके पर सभी लोगों को स्वच्छ रहने तथा समाज को भी स्वच्छ रखने का दिया संदेश
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: स्वच्छता का मिशाल पेश करें तथा शौच के लिए कभी भी बाहर नहीं जाएं। उक्त बातें प्रखंड की ऐतिहासिक धरती तथा महात्मा गांधी के चरण-रज प्राप्त धूसर टीकापट्टी पंचायत में कचरा निस्तारण केंद्र का उदघाटन करती हुई स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए डीडीसी श्रीमती शाहिला ने कही। यह बता दें कि स्वच्छता अभियान में अपना मिशाल पेश कर चूके धूसर टीकापट्टी पंचायत में कचरा निस्तारण केंद्र का उदघाटन करने डीडीसी श्रीमती शाहिला पहूंचीं थीं। उन्होंने मौके पर स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वह गांधीजी के चरण-रज पडे स्थान पर पहूंचने का मौका मिला है। बापू स्वच्छता के प्रतीक भी हैं, ऐसी परिस्थिति में सबका दायित्व बनता है, उसमें भी टीकापट्टी पंचायत के लोगों का तो फर्ज बनता है कि बापू की इस नगरी में इस पंचायत की हर गली, हर सडक को स्वच्छ बनाए रखें। खासकर शौचालय में ही शौच के लिए जाएं, इससे बढिया स्वच्छ रखने का कोई साधन नहीं हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बातें कि इससे जनित कई बीमारियों से सीधा बचा जा सकता है। जबकि सरकार ने गीला एवं सूखा कचरा प्रबंधन के लिए साधन उपलब्ध करा रखा है, इससे उनका घर-आंगन भी स्वतः स्वच्छ एवं साफ रहेगा। इसके लिए घर-घर हरा एवं नीला कचरा रखने का डब्बा दे दिया गया है। हरा डब्बा में गीला एवं ब्लू में सूखा कचरा रखना है। सुबह-सुबह कचरा उठाने के लिए सफाईकर्मी उनके पास पहूंच जाएंगे तथा वे उनसे सभी कचरा ले लेंगे। इस तरह बाहर-भीतर सभी जगहों पर स्वच्छ वातावरण बना रहेगा। घर-घर से उठाए गए कचरे को निस्तारण केंद्र पहूंचाया जाएगा, जहां जितने भी तरह के कचरे होंगे, उन्हें अलग-अलग किया जाएगा तथा उनका उर्वरक तैयार होगा। इससे आम-के-आम, गुठली के दाम वाली कहावत भी चरितार्थ होगी।
सरकार हरघर में शौचालय का प्रबंध कर दिया है, जिन्हें नहीं है, वे अपना-अपना शौचालय जरूर बनवा लें तथा उसका जरूर उपयोग करें। मुखिया शांति देवी ने अपने पंचायत में पहलीबार जिला से महिला पदाधिकारी के यहां पहूंचने पर उनका भव्य स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उनके पंचायत में जिला से महिला पदाधिकारी पहूंचीं हैं, जबकि आजतक इतने बडे पड पर रहते कोई महिला पदाधिकारी यहां नहीं पहूंचीं थीं। महिला अधिकारी को देखते ही गर्व से सीना चौडा हो जाता है। इसका मुख्य कारण है कि महिलाएं ही हरकोई के दर्द को समझ सकती हैं तथा महसूस कर सकती हैं। उनके पंचायत की परेशानी को वह जरूर समझी होंगी, महसूस की होंगी। मौके पर डीपीओ मनरेगा नीरज ठाकुर, डीसी रंजीत कुमार, बीपीआरओ प्रीतम कुमार जायसवाल, पीओ मुरलीधर मोदी, पीसी मयंक कुमार, राजेश तिवारी, सुनील कुमार, गंगा प्रसाद मंडल, गजेंद्र मंडल, आतीश कुमार, सोनु कुमार, असीम कुमार, मुकेश कुमार, अखिलेश सिंह सहित सैकडो की संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।
मुखिया ने पंचायत की तीन सूत्री मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा-
धूसर टीकापट्टी पंचायत की मुखिया शांति देवी ने अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में एक ज्ञापन डीडीसी श्रीमती साहिला को सौंपा। उन्होंने पंचायत में जमीन आदि सभी संसाधन मौजूद होने के बाद भी डिग्री कॉलेज नहीं होने से यहां की खासकर लडकियों को हो रही परेशानी को लेकर मांग उठायीं। उन्होंनें बताया कि इससे लडकियों की शिक्षा अधूरी रह जाती है। दूसरी मांग में उन्होंने कहा कि उनके पंचायत में श्रीकालिका नाटय कला परिषद की स्थापना के सौ से ज्यादा वर्ष हो गये हैं। इस नाट्यकला परिषद ने गुलाम भारत में अपनी कला को प्रदर्शित करते हुए अंग्रेजां को भारत छोडने को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा किया था तथा कुछ इसी कारण उत्तर भारत का यहां स्वतंत्रता-संग्राम का मुख्य स्थल बना था। इस ऐतिहासिक नाट्यकला परिषद के उद्धार एवं यहां की कला को जीवित रखने के लिए वर्ष 2019 में पांच लाख रूपये दी थी। जिसके बारे में बताया गया था कि यह राशि प्रत्येक वर्ष इस नाट्यकला परिषद को मिलता रहेगा, परंतु चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अबतक कोई किश्त नहीं मिला है, जिससे इस नाट्यकला परिषद के कलाकारां सहित इस कलामंच के रख-रखाव में परेशानी हो रही है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से उन्होंने मांग की कि बढती मंहगाई को लेकर अब गरीब, बेसाहारा, वृद्धजनों को मिलनेवाली पेंशन राशि काफी कम पड रही है, इसलिए इस 400 की राशि को सरकार 1000 रूपये प्रतिमाह कर दे, ताकि गरीबों को कुछ सहारा मिल सके।
