पूर्णिया, शम्भू कुमार रॉय: सरस्वती पूजा को लेकर युवा और विद्यार्थियों के चेहरे पर भारी उत्साह का माहौल है। दिनभर बाजार में चहल-पहल बनी हुई है। विद्यार्थियों का झुंड बाजार में प्रसाद के लिए मौसमी फल के रूप में नारियल, केला, संतरा, बेर और अमरुद सहित कई अन्य फलों की खरीदारी करते दिख रहे ।पूजा पंडाल को सजाने के लिए गेंदा का फूल खरीदने को भी भीड़ लगी हुई है।देवी सरस्वती पूजा करने वाले विद्यार्थी सुबह से ही मां सरस्वती की प्रतिमा बाइक,ठेलागाड़ी, टेंपो और टो-टो पर ले जाते दिख रहे हैं। पूजा को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह दिख रहा है।विद्यार्थियों का मानना है कि देवी मां सरस्वती की कृपा से ही हर कुछ संभव है। इसलिए विद्यार्थियों द्वारा बढ़-चढ़ कर इस पूजा में हिस्सा लिया जाता है। पंडित निक्कू ने बताया कि 14 फरवरी बुधवार को सरस्वती पूजा है। इसे वसंत पंचमी से नाम से जाना जाता है।
विधि विधान पूर्वक देवी मां सरस्वती की पूजा करने से भक्तों पर देवी मां की कृपा बनी रहती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7.07 बजे से लेकर दोपहर 12.35 बजे तक का है। मां सरस्वती की पूजा घर और शिक्षण संस्थान में विशेष रूप से किया जाता है। भक्त सुबह उठकर स्नान करने के बाद पवित्र होकर पीले वस्त्र धारण कर विधि विधान से कलश स्थापित करें। इसके उपरांत चंदन, सफेद वस्त्र, फूल, दही-मक्खन, सफेद तिल का लडडू, अक्षत, घृत, नारियल, श्रीफल और बेर अर्पित कर मंत्रों का जाप अवश्य करें। वाद्य यंत्र और किताबों की पूजा का भी विधान है।
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