पटना: आज क्षेत्र भ्रमण के दौरान जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा जलालगढ़ प्रखंड अंतर्गत सीमा जलालगढ़ ग्राम अवस्थित पप्पू चौहान पिता तेनु चौहान के द्वारा बायो फ्लॉक तकनीक से मत्स्य पालन एवं निर्माणाधीन जिंदा मछली विक्रय केंद्र का स्थल निरीक्षण किया गया। पप्पू चौहान से रूबरू होकर जिलाधिकारी उक्त विधि के बारे में गहन जानकारी प्राप्त किए। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बायो फ्लॉक तकनीकी से मत्स्य पालन योजना के तहत 05 सीमेंटेड टैंक का निर्माण किया गया है। प्रत्येक टैंक 15000 लीटर पानी क्षमता का निर्मित है। जिसमें प्रति टैंक 1500 पगेशियन मत्स्य अंगुलिकाओं का संचयन एवं 3000 पीस प्रति टैंक देशी कवई एवं देशी सिंघी मछली का संचयन कर मत्स्य पालन किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी के पूछने पर श्री चौहान द्वारा बताया गया कि इस तकनीक से मत्स्य पालन कर वर्ष में दो बार मत्स्य का शिकार माही कर अच्छा मुनाफा मिल जाता है। मौके पर उपस्थित जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त योजना के तहत श्री चौहान को अनुदान की राशि का भी भुगतान कर दिया गया है। इनके द्वारा देशी कवई मछली का ब्रिडिंग कर मछली का जीरा तैयार किया जाता है। बायो फ्लॉक विधि मत्स्य पालन की नई विधि है। इस विधि से कम भूमि एवं कम पानी उपलब्ध रहने पर भी मत्स्य पालन किया जा सकता है। यह विधि शहरी क्षेत्र के लिए भी काफी उपयोगी है ।इससे शहरी उपभोक्ताओं को ताजा मछली सालों भर सुलभ हो सकेगा।जिलाधिकारी महोदय द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से भी इस विधि से मत्स्य पालन के लिए लगातार योजना के माध्यम से कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस विधि से मत्स्य पालन करने से 30- 40% मछली भोजन पर लागत को कम किया जा सकता है। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण किया जाता है। जिसके निर्माण पर 60% अनुदान की राशि भुगतान की जाती है। जिलाधिकारी द्वारा मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि निर्माणाधीन टैंक के निर्माण हेतु अग्रेतर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। इसके निर्माण होने से स्थानीय मत्स्य पालकों को मत्स्य उत्पादन का अधिक बिक्री मूल्य प्राप्त होगा साथ ही साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा तथा उपभोक्ताओं को 24 घंटे जिंदा मछली केंद्र से प्राप्त होता रहेगा। निरीक्षण के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर पूर्णिया, निर्देशक डीआरडीए ,वरीय उप समाहर्ता श्री दीक्षित, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी तथा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी मौजूद थे।
![जिलाधिकारी द्वारा मत्स्य पालन एवं निर्माणाधीन जिंदा मछली विक्रय केंद्र का किया गया स्थल निरीक्षण Site inspection of fisheries and live fish selling center under construction by District Magistrate](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/05/IMG-20230503-WA0010-e1683123074144-1024x640.jpg)
Tiny URL for this post: