,,याद किए गए भारत के पाँचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जयंती के साथ एक दिवसीय किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन
पूर्णिया: बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ डी आर सिंह के निर्देश पर आज दिनांक 23 दिसम्बर, 2023 को भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियाँ में जय किसान जय विज्ञान सप्ताह (23-29 दिसम्बर, 2023) के प्रथम दिन भारत के पाँचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जयंती पर एक दिवसीय किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ0 पंकज कुमार यादव की देख रेख में किया गया। किसान दिवस कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि से सम्बन्धित संस्थानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्राप्त है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य डॉÛ पारस नाथ महाविद्यालय के साथ सभी उपस्थित वैज्ञानिकों द्वारा भारत के पाँचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया गया। सभी अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे जागरूता कार्यक्रम विकसित भारत एट 2047 हेतू छात्र/छात्राओं को जागरूकत करते हुए पंजीकरण कराया गया। महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता-सह-प्राचार्य डा॰ पारस नाथ ने अपने सम्बोधन में जय किसान जय विज्ञान सप्ताह पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह एवं अटल बिहारी बाजपेयी के द्वारा किसान एवं कृषि विज्ञान पर योगदान को देखते हुए उनके जन्म दिवसों को संयुक्त रूप से आयोजित करने हेतु जय किसान जय विज्ञान सप्ताह की शुरूआत किया था, जो 23 दिसम्बर से 29 दिसम्बर तक पूरे देश में आयोजित किया जाता हैं।
भारत के पाँचवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जीवन परिदृश्य पर चर्चा करते हुए की तथा उपस्थित सभी वैज्ञानिकों को किसान दिवस की महत्ता पर बताया कि चौधरी चरण सिंह किसानों की आवाज बुलंद करने वाले नेता के तौर पर देखा जाता था। इनकी जयंती को देश में किसान दिवस के रूप में मनाया जाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2001 में लिया गया था। चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 1902 को उत्तर प्रदेश राज्य में एक किसान परिवार में हुआ था। चरण सिंह को आरंभ से ही शैक्षणिक वातावरण प्राप्त हुआ, जिसके कारण उनका शिक्षा के प्रति अतिरिक्त रूझान रहा। कानून की शिक्षा हासिल करने के पश्चात वर्ष 1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान नमक कानून तोड़ने के कारण चरण सिंह को 6 महीने की सजा सुनायी गयी। चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन किसानों के कल्याणकारी कार्य में संघर्ष करते हुए बीता, इसी कार्यों की वजह से उन्हे धरती पुत्र की उपाधि प्राप्त हुयी। आज बढ़ती जनसंख्या के साथ हमारे पास संसाधन सीमित होते जार हे है, कृषि विज्ञान में तकनीकियों का प्रयोग करके हीे देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के खाद्यान्न की आपूर्ती की जा सकती है। साथ ही साथ किसानों की आर्थिक एवं सामाजिक उन्नति संभव हो पायेगी। हम सभी यह जानते है कि हमें भोजन प्राप्त करने के लिए किसानों की कड़ी मेहनत द्वारा उत्पादित अनाज, फल, सब्जी, दूध, अंडा, मछली आदि पर निर्भरता है। वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगना करने की योजना बनायी गयी है इसका मुख्य उद्देश्य देश के किसान समृद्ध हो सके। जिससे पुरे देश के नागरिकों को भरपेट संतुलित भोजन उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर उन्होने बताया कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय का प्रसार शिक्षा निदेशालय किसानों के महात्वाकाक्षी कार्यक्रम, किसान चौपाल वर्ष 2012 से विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं अन्य संस्थानों द्वारा प्रत्येक शनिवार को चलाया जा रहा है, जिसमें किसानों की समस्याओं को लगातार समाधान उनके खेत पर ही किया जा रहा है। साथ ही साथ विश्वविद्यालय किसानों के हित के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करती है। किसान चौपाल कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए नीति आयोग ने विस्तृत जानकारी बिहार सरकार से प्राप्त साथ ही साथ वर्तमान में बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसान चौपाल का आयोजन प्रखण्ड से लेकर गाँव स्तर तक किया जा रहा है। जिसमें विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के वैज्ञानिक विशेषज्ञ के रूप में भाग लेकर किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंयसेवकों में क्रमश: साक्षी कुमारी, अवंतिका कुमारी, कुणाल कुमार एवं अभिषेक कुमार के साथ-साथ सचिन के द्वारा अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये साथ ही प्रस्तुति करन के माध्याम से उपस्थित लोगों को चौधरी चरण सिंह के व्यक्तिव्व पर प्रकाश डाला गया। महाविद्यालय के वैज्ञानिकों में डा॰ जनार्दन प्रसाद, डा॰ पंकज कुमार यादव, डा॰ अनिल कुमार, डॉ विकास कुमार तथा कर्मचारियों में नवीन, श्रवण, सुनील, दिलीप एवं चन्द्रमणि के साथ साथ छात्र/छात्राओं में वर्षा, सोनी, अनुषा, गुंजा,नेहा, पियांशु, हिमांशु, नितीन, रौशन, राहुल, आलोक, आर्दश, विवेका आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस एक दिवसीय किसान दिवस कार्यक्रम का संचालन छात्र मिलन कुमार सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंयसेवक छात्र हिमांशु सिह द्वारा किया गया।
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