- पिछले सप्ताह छात्र नेता ने लगातार चार दिनों तक विधानसभा क्षेत्र की बदतर हालत को देखते हुए चार दिनों तक लगातार किया था आमरण अनशन
- एमपी-एमएलए सहित कोई भी बडे जनप्रतिनिधि उसके आमरण अनशन स्थल पर जाने की हिम्मत नहीं जूटा पाए थे
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए भले ही ढोल पीटा जा रहा है, परंतु पिछले सप्ताह छात्र नेता संजीव कुमार यादव उर्फ छैला यादव द्वारा लगातार किये गए चार दिनों तक आमरण अनशन विकास का दावा करने का पोल खोल दिया है। उसके द्वारा विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिए गिनाए गए कार्यों की लंबी सूची ने सभी को हैरत में डाल दिया है। कुछ इसी कारण उसके आमरण स्थल पर किसी भी एमपी या एमएलए या फिर बडे जनप्रतिनिधि ने उनके आमरण अनशन स्थल पर आना उचित नहीं समझा। विधानसभा के विकास के लिए ऐसा पहलीबार हुआ था, जब किसी युवक ने इस तरह के साकारात्मक कदम उठाए हों। इसके लिए यहां के सभी लोगों ने उसे बधाई दी है। सभी ने कहा कि विकास के नाम पर एमपी-एमएलए बननेवालों के मुंह पर तमाचा जड दिया है। आज आजादी के 77 साल बाद भी क्षेत्र में विकास के नाम पर बस ढोल ही पीटा गया है।
यहां के सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधा शिक्षा अभी भी पटरी पर नहीं चढ पाई है। ठीक इसी तरह विकास के लिए अतिमहत्वपूर्ण सडक, पुल-पुलिस का अभाव-ही-अभाव है। बाढ से प्रतिवर्ष डूबनेवाले इस प्रखंड के लिए कोई उपाय नहीं किया जाना तथा इसको लेकर किसानों का बुरा हाल होना, पुलिस पिकेट के अभाव में आए दिन हो रही घटनाएं बहुत-कुछ कह डालती हैं। कुल मिलाकर छात्र नेता ने अपने चार दिनों के आमरण अनशन पर जनप्रतिनिधियों की संवेदनाहीनता, पार्टी में लिपटे लोगों का आमरण अनशन की जगह पर नहीं जाना, बहुत-कुछ कह गया है। देखें आनेवाले चुनाव में यहां के लोग एकबार फिर विकास के नाम पर चुनाव लडते हैं, या फिर वही जाति-पाति, धर्म-संप्रदाय, पैसे आदि के नाम पर अपना वोट देते हैं।
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