पटना: बिहार की राजधानी पटना का राजनीतिक पारा जून के पहले पखवाड़े में चढ़ने वाला है। दरअसल, भाजपा विरोधी गैर कांग्रेसी खेमे के कई मुख्यमंत्रियों को यहां जुटान होना है। विपक्षी एकजुटता को लेकर नीतीश कुमार की पहल पर होने वाली बैठक की तारीख तय हो गयी है। यह बैठक 12 जून को पटना में होगी। देश भर से विपक्षी दलों के राजनीतिक दिग्गज पटना आएंगे और बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरेंगे।
- नीतीश ने बैठक को लेकर नेताओं को कमर कसने को कहा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना में अपने पार्टी कार्यालय में जेडीयू पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता दल की बैठक की जानकारी दी। नीतीश कुमार ने बैठक को लेकर सभी नेताओं से कमर कसने की भी अपील की। पदाधिकारी ने कहा कि पूरी संभावना है कि बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी।
- ममता बनर्जी ने पटना में बैठक का दिया था प्रस्ताव
विपक्षी एकजुटता की पहल के सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जब कोलकाता में पश्चि्म बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भेंट की थी। ममता बनर्जी ने ही यह परामर्श दिया था कि इस सिलसिले में एक बड़ी बैठक पटना में आयोजित की जानी चाहिए, उस बैठक में विपक्ष के सभी नेता जुटें और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नीति तय हो। इसके बाद ही सभी लोगों की सहूलियत के हिसाब से इसकी तारीख तय करने पर काम हो रहा था। दिल्ली में जब हाल ही में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी से मुलाकात की थी। तब कांग्रेस को तारीख तय करने की जिम्मेवारी दी गयी थी।
- ये बड़े नेता होंगे बैठक में शामिल
12 जून को होने वाली बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री आप नेता अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, राकांपा प्रमुख शरद पवार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेेन के मौजूद रहने की उम्मीद है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की महाबैठक में रणनीति बनाई जा सकती है।
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