पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: बैरिया गांव से जब से पुलिस कैंप हटा, तबसे धीरे-धीरे अपराधियों का मनोबल बढता चला गया है। यह बता दें कि बैरिया के सामुदायिक भवन में यहां के शिक्षक की हत्या नक्सलियों द्वारा किये जाने के बाद पुलिस कैंप की स्थापना की गई थी। यह स्थान बैरिया गांव स्थित मुसहरी जानेवाली सडक के किनारे है। इस जगह पर पुलिस के रहने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने अपने सहयोग से अच्छी व्यवस्था कर दी थी। परंतु जनवरी 2013 में यहां से पुलिस कैंप को पुलिसबल की कमी का बहाना बनाकर यहां से हटा लिया गया था। पुलिस कैंप हटाने के विरोध में यहां के स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी कैंप के आगे किया था तथा फिर से कैंप की स्थापना की मांग की थी। परंतु दस वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी यहां पुलिस कैंप की स्थापना नहीं हे पायी है। किसान राजेश यादव की हत्या के बाद एकबार फिर से यहां अपराधियों का बोलबाला हो गया है तथा वे जबतक अपनी धमक दिखा दे रहे हैं।
बैरिया एवं श्रीमाता गांव के दक्षिण-पश्चिम पूरा दियारा क्षेत्र फैला हुआ है। जंगलटोला में पुलिस कैंप की स्थापना के बाद अब उसओर के अपराधी इसओर आने लगे हैं तथा रंगदारी, अपराध करने लगे हैं। कुल मिलाकर एकबार फिर से यहां पुलिस कैंप की जरूरत आनपडी है। देखें कबतक पुलिस कैंप की स्थापना होती है। वही इस सम्बन्ध में डीएसपी रमेश कुमार ने कहा है की फसल कटने तक बैरिया में पुलिस कैंप करेगी। जंगलटोला में भी पुलिस कैंप कर रही है, जिससे उधर के अपराधी अब अपराध करने की हिम्मत नहीं कर रहे हैं। अपराधियों के नाक में नकेल कस दिया जाएगा।
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