पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: जिस स्थान पर भागवत कथा एवं दैवीय कार्य होते हैं,वहां पर निश्चित रूप से भगवान का वास होता है। जो श्रद्वालु मन से कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें इच्छित फल की प्राप्ति के साथ-साथ प्रभु का आशीर्वाद स्वयं प्राप्त हो जाता है। उनके सारे कष्ट दूर होते हैं। उक्त प्रवचन भिखना गांव में श्री-श्री 108 महाविष्णु यज्ञ में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अपने प्रवचन में स्वामी इंद्रदेव सरस्वती जी महाराज कह रहे थे। श्री महाराज ने श्रद्धालुओं को भजन कीर्तन व कहानियों के माध्यम से जयकार करने के फायदे बताते हुए कहा कि जो भी श्रध्दालु भगवान के जयकारे लगाते हैं, उसके सारे पाप खत्म हो जाते हैं। जितने दूर तक जयकारे की गूंज जाती है, उतनी दूरी तक काली शक्ति अपना असर नहीं दिखा पाती हैं। जयकारे की ध्वनि एक बेहतर वातावरण निर्मित करती है।
इसके साथ ही श्रीकृष्ण प्रसंग, समुद्र मंथन, अमृत कलश से लेकर देवी-देवता भक्तों में सत्य-असत्य में जीत हासिल किसकी होती है, उसका वाचन हजारों श्रद्धालुओं के समक्ष कर रहे हैं। दूर-दराज से आने वाले भक्त एकटक इन्द्रदेव जी महाराज के साथ भागवत कथा में रमकर राधे-राधे के नारे लगाते हुए, हल्की सी ठंड की मौसमी रात के असर को अहसास ही नहीं होने देते हैं। आस्था का सैलाब ऐसा उमड़ रहा है कि भागवत कथा परिसर में महाराज के प्रवचन को सुनने के लिए जगह कम पड़ रही है। इस पावन अवसर पर कई जिले के श्रद्धालु भिखना पहुंच रहे हैं। मुख्य कथा वाचक महामंडलेश्वर राष्ट्रीय संत स्वामी इंद्रदेव जी सरस्वती महाराज से आशीर्वाद व कथा सुनने रोज आम क्या खास लोगों का आना-जाना इन दिनों चल रहा है। यह कथा 19 फरवरी तक चलेगा।
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