- सभी वार्डो में होगा एंटीलार्वा दवा का छिड़काव:
- जिला पदाधिकारी द्वारा असैनिक शल्य चिकित्सा पदाधिकारी पूर्णिया के साथ स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक का किया गया आयोजन
पूर्णिया: जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया की बारिश के मौसम में लोगों को अपने और अपने परिवार को संक्रमित होने वाली बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि इस मौसम में डेंगू का भी खतरा बढ़ने लगता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को काफी सतर्क रहना होगा। जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि सिविल सर्जन और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी जिलेवासियों को जागरूक कर बचाव और सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करना सुनिश्चित करें। जिला पदाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को डेंगू वार्ड में मच्छरदानी युक्त बेड तथा प्लेटलेट्स की उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया गया । सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है तथा वर्तमान में जिले में प्रयाप्त मात्रा में प्लेटलेट्स उपलब्ध है। जिला पदाधिकारी द्वारा नगर आयुक्त पूर्णिया को निर्देश दिया गया कि सभी वार्डो में फॉगिंग करना सुनिश्चित किया जाय। नगर आयुक्त द्वारा बताया गया कि सभी वार्डो में फॉगिंग किया जा रहा है। नगर आयुक्त द्वारा सीविल सर्जन पूर्णिया से डेंगू के रोकथाम से संबंधित प्रचार सामग्री उपलब्ध कराने का कहा गया जिससे कचड़ा प्रबंधन वाली वाहनों के द्वारा सभी वार्डो में लोगो को आसानी से जागरूक किया जा सके।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आम लोगो को जागरूक किया जाय कि डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं बल्कि इससे बचने की जरूरत है। क्योंकि डेंगू के लक्षण की जानकारी अधिकांश लोगों को नही रहती है। जिस कारण समय रहते उसका उपचार नहीं हो पाता है। नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों से चिकित्सीय परामर्श लेकर इससे बचाव किया जा सकता है। जिला पदाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि सभी लोगो को पूरे कपड़े पहने तथा सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करने हेतु प्रोत्साहित किया जाय । घर के सभी कमरों की ठीक से सफाई, टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने देना, पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं होना, घर के आसपास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर में तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। इतना ही नहीं बल्कि आपके त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल नजदीकी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति को दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर चिकित्सकों से संपर्क करें।
- डेंगू बुखार के मुख्य लक्षण: –
- डेंगू वायरस से संक्रमित होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही किसी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं।
- डेंगू वायरस के खून में फैलने के एक घंटे में ही संधियों में दर्द शुरू हो जाता और व्यक्ति को 104 डिग्री तक बुखार भी आता है।
- उच्च रक्तचाप का तेजी से गिरना और हृदयगति का कम होना।
- आंखों का लाल होना और दर्द होना।
- चेहरे पर गुलाबी दाने निकलना डेंगू का सूचक है।
- भूख ना लगना, सिर दर्द, ठंड लगना, बुखार आना। इन चीजों के साथ डेंगू की शुरुआत होती है।
– यह सभी लक्षण डेंगू के पहले चरण में होते हैं। यह चार दिन तक चल सकते है।- डेंगू के दूसरे चरण में बढ़ा हुआ शरीर का तापमान कम हो जाता और पसीना आने लगता है। इस समय शरीर का तापमान सामान्य होकर रोगी बेहतर महसूस करने लगता है। लेकिन यह एक दिन से ज्यादा नहीं रहता।- डेंगू के तीसरे चरण में शरीर का तापमान पहले से और अधिक बढ़ने लगता और पूरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं। बैठक में सिविल सर्जन पूर्णिया, नगर आयुक्त पूर्णिया , निदेशक डीआरडीए सह गोपनीय प्रभारी उपस्थित थे।
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