पूर्णिया : दि १६ सितम्बर 2023.
ऐतिहासिक स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाता गाँव, क्रांति वीरों की जननी यहाँ की माटी।
यहाँ का इतिहास बताता
अपनी कहानी
अपनी जुबानी
कुछ अनकही कहानी उनकी भी
जिनके बारे में आज की पीढ़ी नहीं जानती, नहीं पहचानती।
जहाँ आज के कई प्रमंडलों को
स्वातंत्र्य संग्राम के लिए जागरण का संदेश देता था,अपने बलिदान तक के लिए तैयार करता था, भारत माता की आज़ादी के जहाँ दीवानों की फसलें उगती थीं, जहाँ प्रमंडल स्तरीय कार्यालय होना था, जहाँ महाविद्यालय विश्वविद्यालय होना था, लेकिन अब तो देश आजाद है, अपनी सरकार है, आज एक अदद प्रखण्ड होने के लिए आठ आठ आँसू बहा रहा।
कहते हैं,
“जिनके सूँ से जला था चरागे वतन
आज उनके मजार पर एक दीया भी नहीं।”
यह वही ऐतिहासिक भूमि है, जहाँ प्रलयंकारी भूकम्प के तुरत बाद पुराने पुरैनियाँ के श्रेष्ठ नागरिक, श्रेष्ठ स्वतंत्रता सेनानी स्व वीरनारायण चंद जो बिहार में मोल बाबू के नाम से जाने पहचाने जाते थे, वे महात्मा गॉंधी को लेकर टीकापट्टी आये थे और टीकापट्टी गाँव में महात्मा गॉंधी का प्रवास हुआ था, उस जगह का नया नाम पुकारा जाता है
गाँधी सर्किट, उस स्थान का एक श्रेष्ठ और पुराना नाम है गाँधी स्वराज आश्रम।
उस भूमि पर जाने का सौभाग्य मिला, वहाँ की माटी का तिलक लगाया और चहारदीवारी से घिरा परिसर और शिलालेख को भी देखने पढ़ने का मौका मिला। जिस कमरे में गांधीजी जी का प्रवास हुआ था, वहाँ की भी तस्वीरें आप सबों के अवलोकनार्थ संलग्न कर रहा हूँ।
समाज और सरकार का ध्यान है, पता चला आदरणीया शांति देवी जी ग्राम पंचायत प्रधान का भी सहयोग रहता है, यहाँ बैठने, बातचीत करने पढ़ने लिखने का अच्छा माहोल है, परिसर में क ई जगह बैठने की व्यवस्था है।
एतद् द्वारा गांधी स्वराज आश्रम टीकापट्टी के लिए कुछ निवेदन भी सम्बंधितों से करना चाहूंगा।
![ऐतिहासिक स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाता गाँव, क्रांति वीरों की जननी यहाँ की माटी The village that trumpeted the historic freedom struggle, the soil here is the mother of revolutionary heroes.](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-21-at-11.49.33-1024x768.jpeg)
- बीच परिसर में खूबसूरत ऊँचा विद्युत टावर (प्रकाश स्तंभ) लगा है, कई सालों से लगा है, बताया गया कि कभी वह रौशन नहीं हुआ। वह प्रकाश देना प्रारंभ करे तो पास में अवस्थित गांधी बुनियादी अभ्यास मध्य विद्यालय तथा आसपास बसे लोगों को तथा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सम्पूर्ण सड़क पर दूधिया चांदनी रात का सदैव आभास होता रहेगा।
- स्वराज आश्रम में माह में एकबार साफ सफाई तथा प्रति दिन झाड़ू बुहारू होना चाहिए।
- गांधी जयंती तो पता चला सरकारी स्तर पर मनाये जाने की बात बताई गई, मेरा निवेदन है कि गांधीजी की पुण्यतिथि भी मनाई जाय और दोनों विशिष्ट दिवस में स्थानीय सभी विद्यालयों के शिक्षकों और छात्र छात्राओं को आमंत्रित किया जाय। इससे बच्चे अपने इतिहास से भी रूबरू हो सकेंगे और इसी बहाने परिसर में स्वच्छता बहाल रहेगी।
- गांधी स्वराज आश्रम टीकापट्टी में पेयजल का अभाव देखा गया, उसकी व्यवस्था रहना चाहिए।
- स्वराज आश्रम में पर्यावरण संवर्धन संरक्षण हेतु खूबसूरत पेड़ और लता गुल्मों पुष्पों का पौधारोपण होना चाहिए।
- गाँव में किन्हीं के यहाँ कोई अतिथि आते हैं तो उन्हें एकबार अभिप्रेरित करना चाहिए कि इस गाँव की खूबसूरती वहाँ की शैक्षिक प्रशैक्षणिक/सांस्कृतिक संस्थाओं का अवलोकन करें, उन्हें अच्छा अहसास होगा।
एतद् द्वारा पूर्णिया जिला का एक ऐतिहासिक श्रेष्ठ गाँव टीकापट्टी की माटी का नमन वंदन अभिनन्दन।
साथ सहयोग के लिए सुभाष केरियर प्वाइंट स्कूल पूर्णिया के निदेशक प्रियवर प्रमोद कुमार तथा सारथी श्री विनय कुमार चौधरी का साथ सहयोग के लिए विशेष आभार।
छायांकन ओर वीडियो
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मध्य विद्यालय उफरैल, सदर मुख्यालय पूर्णिया का पूर्ववर्ती मेरा प्रिय छात्र वीर कुमार।कृपया संलग्न तस्वीरों को भी एक नजर देखें, तस्वीरें भी वहाँ की बातें बता सकती हैं और हमें रोशन भी कर सकती हैं।
लेखक संजय सिंह जी एक विद्वान पूर्व शिक्षक हैं जिन्हे राष्ट्रपति पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है।
एक साहित्यिक और सामाजिक सरोकारों वाले स्वच्छ व्यक्तित्व के स्वामी हैं।यह उनके निजी भावनात्मक अनुभव हैं।जिसे उन्होंने अपने फेसबुक पर उल्लिखित किया है।
![ऐतिहासिक स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाता गाँव, क्रांति वीरों की जननी यहाँ की माटी The village that trumpeted the historic freedom struggle, the soil here is the mother of revolutionary heroes.](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-21-at-11.49.32-1024x768.jpeg)
![ऐतिहासिक स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाता गाँव, क्रांति वीरों की जननी यहाँ की माटी The village that trumpeted the historic freedom struggle, the soil here is the mother of revolutionary heroes.](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-21-at-11.49.33-2-1024x768.jpeg)
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