बिहार: बिहार में जाती गणना के रिपोर्ट लेकर मचे घमासान के बीच राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि देश की अगली जनगणना जाति आधारित हो, बिहार से इसके समर्थन में सामूहिक आवाज़ उठे, जिसका नेतृत्व विरोधी दल के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी करें। जातिगत गणना का नतीजा घोषित होने के बाद कई जातियों के नेताओं को अपनी-अपनी जातियों की गिनती मंज़ूर नहीं हो रही है। अपने जारी बयान में श्री तिवारी ने कहा कि उन सबकी शिकायत एक ही जैसी है। वह यह कि हमारी जाति की संख्या को कम कर दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि असल में जब तक जाति की गिनती नहीं हुई थी तब तक सभी जातियों के नेताओं को अपनी-अपनी जाति की संख्या को लेकर अतिरंजना का भाव था।
यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि लोकतंत्र में बल का अर्थ संख्या बल ही है। इसलिए गिनती के पहले अपनी-अपनी जाति की संख्या को लेकर नेताओं में भ्रम बना हुआ था। जातिगत गणना के नतीजा से उस भ्रम को झटका लगा है। इसी बेचैनी में गिनती को ही अविश्वसनीय बताया जा रहा है। इस तरह के भ्रम को दूर करने का सबसे मु़फीद रास्ता तो यह होगा कि भारत सरकार अगली जनगणना जाति आधारित करा दे।
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