आंध्र प्रदेश के विजयवाडा के समका नगर में भवन बनाने में मजदूरी करता था, चाथी मंजिल से गिरकर उसकी मौत हो गई थी
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: प्रखंड के मोहनपुर ओपी के कंकला खालसा गांव में आंध्र प्रदेश से मजदूर का शव मंगलवार को यहां जैसे ही पहूंचा, वैसे ही हाहाकार मच गया। सभी स्वजन उसके शव से लिपटकर चित्कार कर उठे। सभी स्वजनों एवं रिश्तेदारों ने उसका गांव में ही अंतिम-संस्कार कर दिया। इस संबंध में जिला परिषद सदस्या रीता देवी, सामाजिक कार्यकर्त्ता दीपक शर्मा, बडा भाई राजेश शर्मा ने बताया कि खालसा गांव का धीरज कुमार शर्मा पिता प्रकाश शर्मा उम्र 27 वर्ष आंध्र प्रदेश के विजयवाडा के समका नगर में भवन बनाने में मजदूरी का काम किया करता था। यहां के अन्य मजदूर भी कार्य कर रहे थे। वे 15 अप्रील को मकान में मजदूरी का काम कर रहा था, तभी वह पैर फिसलने के कारण चौथी मंजिल से नीचे गिर पडा, जिससे उसकी मौत हो गई। उसका शव जैसे ही पहूंचा, वैसे ही उसकी पत्नी प्रेमलता देवी, मां बबीला देवी, पिताजी प्रकाश शर्मा, बडा भाई अरविंद शर्मा, सुबोध शर्मा, राजेश शर्मा, बहन फूलन देवी, दीपा देवी, पुत्र रोहन कुमार, मोहन कुमार सभी उसके शव से लिपटकर रो पडे। सभी लोग यही कह रहे थे कि गरीबी जो ना कराए।
भूख के कारण वह अपने स्वजनों को छोडकर गांव से हजारो किलोमीटर दूर प्रदेश में काम करने को विवश हो जाता है। उसकी पत्नी प्रेमलता जिसकी शादी को महज तीन वर्ष बीते हैं, अभी तो वह अपनी जिंदगी की एवं उसके छोटे-छोटे दोनों बच्चों को देखकर सभी के आंखों से आंसू आ रहे थे। सभी सोच रहे थे, अब इन बच्चों का क्या होगा, बूढे माता-पिता को कौन देखेगा। कुल मिलाकर यहां बस मजदूरों के शव पहूंचते हैं, बस परिवार को जिंदगीभर की सिसकियां छोड देते हैं। सरकार आजतक बस मजदूरों के पलायन रोकने की बात करती है, परंतु वह एक प्रतिशत भी इसमें सफल नहीं हो पायी है। देखें यह सिलसिला कबतक चलता रहता है।
