पूर्णिया: छात्र जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष माणिक आलम ने पूर्णियां विश्वविद्यालय में हुए यूजी और पीजी के नामांकन में भारी अनियमितता और धांधली का आरोप लगाया है। माणिक आलम ने कहा कि पीजी सत्र 2022 से 2024 एवं यूजी सत्र 2023 से 2027 में नामांकन के लिए जारी हुए मेरिट में भारी धांधली हुई है और ये धांधली का शिकार पूर्णियां सीमांचल के मेधावी गरीब गुरबा पिछड़ा छात्र छात्राएं हुए हैं। जिन छात्र छात्राओं का मेरिट लिस्ट में नाम नही आया है वैसे छात्र छात्राएं नामांकन से वंचित हो गए हैं और अपने भविष्य को अंधकार में देख विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका सुनने वाला कोई नही है। माणिक आलम ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों में छात्र छात्राओं को मेरिट से नामांकन समाप्ति के बाद स्पोर्ट नामांकन का मौका दिया जाता है, लेकिन पूर्णियां विश्वविद्यालय ऐसा नहीं करती है। माणिक आलम ने कहा कि मेरिट जारी करने वाले नामांकन समिति सहित इस कार्य में जो भी लोग हैं। उनकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। ये लोग छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खेलवार करने का काम कर रहे हैं।
साथ ही माणिक आलम ने पूर्णियां विश्वविद्यालय के कुलपति से आग्रह किया है की छात्र के भविष्य की हत्या न होने दे। जो भी लोग मेरिट जारी करने में अनियमितता बरतें हैं और धांधली किए हैं उनपे जांच कमेटी बैठाकर करवाई करें। पूर्णिया सीमांचल क्षेत्र पिछड़ा है और यहां के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ही पूर्णियां विश्वविद्यालय बनी है उनके हक से खिलवाड़ नही होने दें। साथ ही माणिक आलम ने पूर्णियां विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कुलपति से मांग किया है की नामांकन से वंचित छात्र छात्राओं को नामांकन के लिए एक मौका और दिया जाए। जिससे हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में जाने से बच जाए और उनका साल बरबाद न हो। माणिक आलम ने कहा कि सेशन कंप्लीट करने के चक्कर में विश्वविद्यालय प्रशासन आनन फानन में नामांकन लेती है और परीक्षा का संचालन करवाती है नामांकन से वंचित छात्र छात्राओं के हित में अगर विश्वविद्यालय प्रशासन कोई निर्णय नहीं लेती है तो छात्र जदयू उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी और इसका जिम्मेदार पूर्णियां विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।
Tiny URL for this post: