- रूपौली बस्ती में स्मैकर गेंग को राणा यादव चला रहा है, यद्यपि वह दुबारा अपने चार साथियों के साथ पुलिस के हत्थे चढ चुका है
- तीसरा गेंग विदेशी शराब का है, जो रूपौली बस्ती में ही है अंकित यादव एवं अनिल यादव चला रहे हैं
- बिरौली के गिद्धा गांव में एक कोरेक्स गेंग, जिसे महिला चला रही है
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: ऐसा लगता है कुछ व्यक्ति चंद रूपयों की लालच में पूरे युवाओं को नशे में ढकेलने का ठेका ले रखा है। इसके लिए यहां के तीन नशे के गेंग इस कदर सक्रिय हैं कि जेल जाते हैं, छूटकर आते ही फिर से युवाओं को नशे में धकेलने के प्रयास में लग जाते हैं। इन तीन गेंगों में एक है स्मैकर गेंग, जिसका सरगना रूपौली गांव का राणा यादव है, जो महज बीस वर्ष का युवक है तथा उसके सभी गैंग के सदस्य किशन यादव पिता स्व0 जयप्रकाश यादव, सागर कुमार पिता राजेंद्र यादव, संगीत कुमार पिता मंटू यादव एवं अंकित कुमार पिता पंकज यादव उसकी ही हम उम्र के हैं। शुक्रवार की रात पकडे गए समैकर गेंग के सरगना राणा यादव एवं उसके साथ पकडे गए अन्य चार युवकों को देखकर एक नजर में ऐसा लगा ही नहीं कि इन मासूम चेहरों में कु्रर चेहरा भी छूपा है, जो युवाओं को नशा में धकेलने की कसम खा रखी है। ये सभी युवकों की उम्र महज 18 साल से बीस साल के बीच के हैं।
- राणा यादव महज एक साल पहले तक एक मासुम युवक था-
कहते हैं कि संगति कब किसे समाज में उंची पहचान दिला देगी तथा कब उसे गर्त में गिरा देगी, कहना मुश्किल है। यह बातें राणा यादव पर सटीक बैठती है। कलतक जिसके माता-पिता समाज में शान से छाती तानकर चलते थे तथा एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, लोगों की आवाज बनकर उभरते थे, आज बेटे की करतूत से मुंह छिपाते फिर रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि राणा यादव की संगति उसके ही पूर्णिया के एक रिश्तेदार से हो गई थी। वहीं से उसकी जिंदगी बदरंग होनी शुरू हो गई। उस रिश्तेदार ने राणा को स्मैकर गेंग से मिलवाया, जो सरसी गांव का बताया जाता है, तो हॉलसेल में स्मैक की सप्लाई करता है। राणा पहले अपने रिश्तेदार के साथ इस काम में लग गया तथा बिना मेहनत के ही आमदनी देख उसका हौशला बढता चला गया। वह खुलेआम अब रूपौली में आकर अपने दोस्तों को चंगुल में लिया तथा उन्हें नश खिलाने लगा तथा स्मैक बेचने के लिए प्रोत्साहित करने लगा। यद्यपि इस दौरान गांव वालों ने उसपर इस काम को नहीं करने का दबाव भी बनाया, पर वे नहीं माने। एक-दोबार पुलिस के भी चंगुल में फंसे, उम्र देखकर उन्हें हिदायत देकर छोड दिया, परंतु फिर भी वे अपनी आदतों से बाज नहीं आए। खुलेआम रूपौली हाईस्कूल के मैदान में स्मैक बेचने लगे, इतना ही नहीं इनका नेटवर्क पूरे प्रखंड में फैल गया तथा स्मैक वितरण के लिए कई सदस्य गिरोह में शामिल हो गए। राणा यादव की पहली गिरफ़्तारी 14 अप्रील को हुई थी, पुलिस ने 10 ग्राम स्मैक एवं 5 ग्राम ब्राउन सुगर के साथ पकडा था। उसकी निशानदेही पर उसे नशा सप्लाई करनेवाला धमदाहा से माफिया रूपेश कुमार राय की गिरफ़्तारी हुई थी। इधर कुछ दिन पहले राणा यादव जेल से छूटा तथा एकबार फिर से जोरशोर से इस धंधे में लिप्त हो गया। कुसंयोग कहें कि नशे की खेप पहूंचने तथा उसे वितरण की जुगाड में पहूंचे उसके चारो गिरोह के सदस्य शुक्रवार को पुलिस के हत्थे चढ गए। उनके पास से 40 ग्राम स्मैक बरामदगी के साथ-साथ तीन मोबाइल भी बरामद हुए हैं। आश्चर्य तो यह है कि ग्रामीण कहते हैं कि राणा यादव एवं उसके गेंग एक और सदस्य किशन यादव दोनों में से कोई नशा नहीं करता है, परंतु सच तो यह है कि वह दूसरे को नशे में धकेल रहा है। देखें राणा अपनी दुबारा गिरफ़्तारी के बाद इस जहरीले काम से तौबा करता है, या फिर वह उसी जहर की दुनिया में लौट आता है।
- दूसरा गैंग विदेशी शराब बेचनेवालों का है-
रूपौली में दूसरा नशा विदेशी शराब बेचनेवाले का है, जो रूपौली गांव में ही है। इस मामले में भी कईबार विदेशी शराब के साथ तस्कर की गिरफतारी भी हुई है। यद्यपि मुख्या तस्कर हमेशा ही गिरफ्त से बाहर हो जाते रहे हैं। इनमें से 25 मई 2022 को रूपौली गांव के अनिल यादव,प्रीतम यादव के बासा पर से कार एवं बथान पर रखी गई लगभग पांच सौ लीटर विदेशी शराब बरामद की गई थी, परंतु वे भागने में सफल हो गए थे। ठीक इसी तरह इसी गांव के अंकेश यादव के बासा पर भी 4 जुलाई 2023 को भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद हुई थी। वह भी भागने में कामयाब हो चूका था। ठीक इसी तरह मैंनी में लक्ष्मण मरैया को विदेशी शराब के खेप के साथ पकडा गया था। इस तरह यहां कई तस्कर सक्रिय हैं, जो खुलेआम विदेशी शराब का नेटवर्क चला रहे हैं तथा घर-घर होम डिलेवरी कर रहे हैं।
तीसरा नशा का गिरोह कोरेक्स बेचनेवालों का है-
प्रखंड में तीसरा नशा कोरेक्स शीरप के रूप में बेचा जा रहा है। इसका मुख्य अडा रूपौली हाईस्कूल एवं गिद्धा गांव में है, जहां एक महिला एवं पुरुष चला रहे हैं। इनके यहां थोक रूप से कोरेक्स सीरप पहूंचाया जाता है तथा वहां से कुरियरवाले घर-घर माल पहूंचाते हैं। यह धंधा किसी अन्य धंधा के आड में चलाए जा रहे हैं।
कुल मिलाकर इन तीनों गिरोह ने पूरे प्रखंड को नशे में ढकेल चूका है, इनकी पैसे कमाने की भूख मर नहीं रही है। देखें यहां की पुलिस इन जहर के सौदागरों को कबतक उनके अंजाम तक पहूंचा पाती है। इतना तो अवश्य है कि आज पूरा प्रखंड खासकर युवावर्ग इसकी गिरफ्त में लगभग आ चूका है, यहां के अभिभावक हमेश ही सशंकित हैं कि पता नहीं उनके बच्चे कब नशे का शिकार हो जाएं तथा अपनी जिंदगी बर्बाद कर लें।
![रूपौली में पनपे तीन नशे का गेंग युवाओं को धकेल रहे हैं नशा के गर्त में Three drug gangs flourishing in Rupauli are pushing the youth into drug addiction.](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/09/WhatsApp-Image-2023-09-22-at-11.44.00-PM-768x1024.jpeg)
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