पूर्णिया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के निर्देशन में भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में कृषि उपादान विक्रेताओं के लिए 15 दिवसीय (6 मार्च से 20 मार्च) सर्टिफिकेट कोर्स का 17वां बैच शुरू हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय विधायक जय प्रकाश यादव और समाजसेवी रामचरित्र यादव की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अतिथियों ने स्व. भोला पासवान शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पारस नाथ ने बताया कि कृषि उपादान विक्रेताओं से ही किसानों को खाद, बीज और दवाइयों के बारे में जानकारी मिलती है, इसलिए उन्हें प्रशिक्षित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने महाविद्यालय की 13 वर्षों की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।
मुख्य अतिथि श्री जय प्रकाश यादव ने प्रतिभागियों को पुजीकरण किट, मास्क, सेनिटाइज़र, हैंडवॉश, समेकित पोषक तत्व प्रबंधन पुस्तक, बिहार कृषि विश्वविद्यालय का वार्षिक कैलेंडर और बिहार किसान डायरी भेंट की। उन्होंने बिहार किसान डायरी का अध्ययन करने की सलाह देते हुए बताया कि इसमें बिहार की मिट्टी, जैविक खेती, फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा, बीज उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी व्यवसाय और अन्य कृषि सम्बन्धित विषयों की जानकारी दी गई है।
श्री यादव ने समेकित पोषक तत्व प्रबंधन पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखना, मिट्टी के पोषक तत्व भंडार में वृद्धि करना और पोषक तत्वों की उपयोग दक्षता बढ़ाना है ताकि मिट्टी का स्वास्थ्य संरक्षित रहे। इसके लिए खेती से पहले मिट्टी की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि किसान अपनी पूंजी का 45% उर्वरक और रसायनों पर खर्च करता है, लेकिन यदि समय रहते जानकारी मिल जाए तो अतिरिक्त रसायनों के प्रयोग से बचा जा सकता है।
तकनीकी सत्र में मृदा वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार यादव ने सूक्ष्म पोषक तत्वों की विषाक्तता के लक्षणों के बारे में बताया। डॉ. जनार्दन प्रसाद ने मिट्टी के नमूने लेने की विधि समझाई। डॉ. रूबी साहा ने उर्वरक प्रयोग के तरीकों पर प्रकाश डाला। वैज्ञानिकों ने अनाज की फसलों में पोषक तत्व प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन, प्रसंस्करण और भंडारण के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण में पूर्णियां से 11, अररिया से 16, कटिहार से 3, किशनगंज से 9 और मधेपुरा से 1 प्रतिभागी शामिल हैं। प्रशिक्षण समिति के सदस्यों डॉ. जनार्दन प्रसाद, डॉ. पंकज कुमार यादव, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. तपन गोराई, डॉ. शम्भुनाथ, डॉ. पी.के. मंडल, श्री अभिनव कुमार, डॉ. विकाश कुमार, प्रियंका कुमारी, श्रीमती अकांक्षा और गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने सहयोग किया। नोडल अधिकारी-सह-समन्वयक डॉ. पंकज यादव और धन्यवाद ज्ञापक डॉ. जनार्दन प्रसाद ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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