पूर्णिया: दिनांक 27 अगस्त 2023 को प्रत्येक वर्ष की भांति गत वर्ष भी शहीद दिवस के मौके पर शहीद स्मारक स्थित स्तंभ पर शहर के सभी बुद्धिजीवियों सामाजिक एवं राजनीतिक व्यक्तियों के द्वारा शहीदों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर रंजन सिंह, बबीता चौधरी, गौतम वर्मा, मोहम्मद अलीमुद्दीन, आ श नारायण चौधरी, पवन राय, जयवर्धन सिंह, ऋषि कुमार सिंह, सरिता राय, विजेंद्र कुमार सिंह, अखिलेश कुमार, मोहन कुमार झा, परवेज अंजुम आदि ने संयुक्त रूप से कहा की 27 अगस्त पूर्णिमा के लिए एक स्वर्णिम दिन है। आज ही के दिन सन 1942 में डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सुधांशु जी के नेतृत्व में पूर्णिया के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को गिरफ्तार कर सरकारी कार्यालय पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया गया था और आजाद हिंदुस्तान की घोषणा की गई। उसके बाद तमाम स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार किया गया था। आज ही के दिन कई थानों को जला दिया गया था और उसे पर कब्जा जमा लिया गया था।
उस वक्त स्वतंत्रता सेनानियों में बैद्यनाथ चौधरी, भोला पासवान शास्त्री, डॉक्टर लक्ष्मी नारायण सुधांशु, अनूप लाल मेहता, कमलदेव नारायण सिंह, जीवात्मा हिमांशु, मोहित लाल पंडित, नरसिंह नारायण सिंह, फनी गोपाल, सेन देवनाथ, राय आनंदी प्रसाद सिंह, मुरलीधर सिंह, सती नाथ भादुरी, गोकुल कृष्ण राय, वीर नारायण चंद आदि अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपनी जिंदगी को दांव पर लगा दिया था। सबसे बड़ी खासियत 27 अगस्त का यह रहा की 23 वर्षीय क्रांतिकारी कू त य सा ह ने ने कलेक्ट्रेट पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के क्रम में मिलिट्री की गोली से गंभीर रूप से घायल हुए और शहीद हो गए। आज उनको याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। 27 अगस्त पूर्णिया जिला के लिए अमर सेनानियों के बलिदान का प्रतीक है।
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