50 सदस्यीय यात्रा 13 मार्च को पुनः लौटेगा बाड़मेर
राजस्थान: जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर, करूणा के सागर श्री नेमीनाथ भगवान के निर्वाण की पावन भूमि गिरनारजी के दर्शन-वन्दन एवं स्पर्शना को लेकर शुक्रवार को थार नगरी बाड़मेर से जिनशासन विहार सेवा गु्रप, बाड़मेर के बैनरतले दो दिवसीय गिरनार यात्रा संघ सकुशल व हर्षाल्लास के साथ रवाना हुआ। यात्रा संघ को *शान्तिलाल छाजेड़, कैलाश मेहता, पुखराज लूणिया, सतीश छाजेड़, मुकेश बोहरा अमन, प्रवीण सेठिया एवम जिनशासन विहार सेवा ग्रुप के सदस्यों सहित जैन समाज के गणमान्य नागरिकों ने जैन ध्वजा लहराकर रवाना किया। ग्रुप के अध्यक्ष मोहित लूणिया ने बताया कि बाड़मेर से शुक्रवार को रवाना हुए दो दिवसीय गिरनार यात्रा संघ में जैन समाज के 50 से अधिक सदस्य शामिल है।
संघ जैन धर्म के विश्व विख्यात व पवित्र तीर्थ श्री गिरनार सहित कई तीर्थां के दर्शन-वन्दन कर विश्व कल्याण व सर्वमंगल की कामना करेगा। वहीं तीर्थराज गिरनार में विराजमान विहार ग्रुप प्रेरिका परम पूज्य साध्वीश्री सौम्यगुणाश्रीजी मसा आदिठाणा के भी दर्शन-वन्दन का कार्यक्रम रहेगा। यात्रा संघ के प्रभारी राकेश सिंघवीं म्याजलार एवं विपुल सिंघवीं ने बताया कि 50 सदस्यों का दो दिवसीय गिरनार यात्रा संघ गिरनार सहित कई जैन तीर्थां की यात्रा कर 13 मार्च को पुनः बाड़मेर लौटेगा। यात्रा संघ के रवानगी अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के गणमान्य नागरिक व युवा साथी उपस्थित रहे।