सहरसा, अजय कुमार: जिले के नवहट्टा प्रखंड मुख्यालय ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, सीपीएम के बैनर तले हाई स्कूल के प्रांगण से लाल झंडे से सुसज्जित विशाल जुलूस निकाला गया। बड़ी संख्या में औरत – मर्द, किसान – मजदूर अपने हाथों में लाल झंडा – डंडा एवं अपनी मांगों से संबंधित तख्ती लिए पर्चा की जमीन पर दखल दिलाना होगा, भूमिहीन परिवारों को वास हेतु 5 डिसमिल जमीन देना होगा, सीलिंग भूदान सरकारी फाजिल जमीन गरीबों के बीच बांटना होगा, बुढ़िया चौभागा नदी का सफाई कर सीपेज के जलजमाव पानी का निकासी करना होगा , किसान मजदूरों का कर्ज माफ करना होगा, चन्द्रायण रेफरल अस्पताल को चालू करना होगा, गलत बिजली बिल वापस लेना होगा, महिला पहलवानों को न्याय देना होगा, बीजेपी के बलात्कारी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करना होगा,महंगाई बेरोजगारी पर रोक लगाना होगा आदि गगनचुंबी नारे लगाते मुख्य बाजार से प्रखंड कार्यालय पहुंच। आक्रोश पूर्ण जुलूस का हुजूम देख थोड़ी देर के लिए प्रखंड कार्यालय में उपस्थित कर्मी और आम लोग दंग रह गए। प्रखंड कार्यालय में भीड़ सभा में तब्दील हो गई । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अंचल सचिव कॉमरेड शकील अहमद ख़ां की अध्यक्षता में तथा किसान नेता डॉ रामरेख यादव के संचालन में चलें सभा को संबोधित कर सीपीएम विधायक दल के नेता सह सचेतक बिहार सरकार कामरेड अजय कुमार ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते कहा कि भारत में संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर मनुवादी व्यवस्था थोपने की साजिश चल रही है। मोदी-अडानी के गहरे रिश्ते एवं लूट भारत के आर्थिक सुरक्षा तथा साख पर गहरा खतरा उत्पन्न कर दिया है। अडानी- अंबानी जैसे पूंजीपतियों के हाथ देश के सार्वजनिक संपत्तियों यथा रेल ,सेल,भेल ,एयरपोर्ट, बीएसएनएल, एलआईसी जैसी सरकारी संस्थाओं को कौड़ी के भाव बेची जा रही है। प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार , काला धन का 15 लाख रुपए प्रति व्यक्ति जनधन के खाते में देने, महंगाई पर रोक लगाने आदि चुनावी वादे जुमलेबाजी साबित हुआ। जवान भारत के बेरोजगार नौजवान को अग्निवीर जैसी झुनझुना थमा दिया गया है।भारत के गंगा जमुनी संस्कृति को तार-तार किया जा रहा है । हिंदू- मुसलमान, भारत-पाकिस्तान मंदिर -मस्जिद के नाम पर देश में सांप्रदायिक विभाजन करवाया जा रहा है। गोल्ड मेडल जीतने वाली तथा राष्ट्रीय झंडा तिरंगा लहराने वाली भारतीय महिला पहलवान देश के चौराहे पर रो रही है और मोदी जी बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ का झूठी राग अलाप रही है। महंगाई बेरोजगारी की मार से आमजन त्रस्त है। जनता की मूलभूत समस्या – रोटी ,कपड़ा, मकान, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से मोदी की सरकार को कुछ लेना देना नहीं है सिर्फ धर्म संप्रदाय की आग और नफरत फैलाकर सत्ता में बने रहना चाहती है। मोदी के इन सारे साजिशों को जनता एक-एक कर समझ रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता इनको सबक सिखाएगी।
सभा को संबोधित कर माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य सह बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव कामरेड विनोद कुमार ने कहा तीनों काला कृषि कानून की वापसी के लिए 13 महीने चलें किसान आन्दोलन में करीबन 750 किसानों की शहादत के बाद मोदी सरकार ने तीनों काला कृषि बिल वापस तो लिया परंतु आन्दोलन के बाद किसानों के साथ हुए समझौते के अनुरूप एमएसपी की गारंटी , शहीद परिवार को मुआवजा एवं सरकारी नौकरी,आन्दोलनकारी किसानों से झूठा मुकदमा वापस लेने , किसानों की आय दोगुनी करने,लखीमपुर खीरी के अभियुक्तों को गिरफ्तार करने आदि समझौते पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है जो काफी दुखद एवं शर्मनाक घटना है । उन्होंने कहा सभी तरह के जन कल्याणकारी योजनाओं को बंद किया जा रहा है । आम बजट में गरीब पक्षियों संसाधनों में कटौती की जा रही है। राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने, आधार कार्ड का नवीकरण कराने, पैन को आधार से जोड़ने, केवाईसी आदि के नाम पर आम जनता को तंग तबाह कर राशन, किरासन ,पेंशन, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना आदि के लाभ से गरीबों को वंचित करने की लगातार कोशिश हो रही है । डीलर के यहां से मिल रहे अनाज के गेहूं में कटौती कर फिर सस्ते दर वाली अनाज को फ्री में देने की योजना सरकारी चुनावी स्टंट और गरीब को मिल रही राशन को बंद करने की साजिश लगती है। उन्होंने कहा किसान की फसल का लाभकारी मूल्य, किसानों के कर्ज माफी, सस्ते दर पर खाद बीज समय से उपलब्ध नहीं हुआ तो किसान मजदूर बड़ी लड़ाई लड़ेगी ।
सभा को संबोधित कर सीपीएम सहरसा जिला सचिव रणधीर यादव ने कहा बिहार की सरकार भी गरीब पक्षीय बातें करती है कानून भी बनाती है परंतु उसे लागू करने में विफल रहती है। सरकार द्वारा पर्चा धारियों को पर्चा के जमीन पर दखल दिहानी, भूमिहीनों को बसेरा योजना के तहत 5 डिसमिल जमीन देने का कानून बरसों बरसों से प्रशासन की अनदेखी के कारण ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। सहरसा जिले के अंदर भी पर्चा धारियों को पर्चा की जमीन पर दखल दिहानी के लिए,गरीबों को बासगीत के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी लगातार संघर्ष कर रही है परंतु सहरसा जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करना दुर्भाग्य की बात है। पार्टी नवहट्टा अंचलाधिकारी से मांग करती है कि इस बीच कागजी कोरम को पूरा करते बेदखली पर्चा धारियों को दखल दिलाई जाए तथा गरीब भुमीहीन परिवारों का सर्वे कर वासगीत पर्चा और आवास देते बसाया जाय अन्यथा बरसात खत्म होने के बाद पार्टी पर्चा धारियों को गोलबंद कर उनकी जमीन पर उनको सीधे दखल दिलाएगी अगर किसी तरह की कोई घटना घटती है तो उसके लिए जिला प्रशासन, अंचल प्रशासन और बिहार सरकार जिम्मेदार होगी।
सभा को पार्टी जिला सचिव मंडल सदस्य गणेश प्रसाद सुमन, हृदय नारायण यादव ,किसान सभा के जिला सचिव मिथिलेश कुमार सिंह ,किसान सभा के जिला अध्यक्ष कृष्ण दयाल यादव, किसान सभा के प्रखंड सचिव यूनुस भारती, सीपीएम नेता रमेश यादव, बृजेश वामपंथी, नय्यर आलम , पिंटू कामत, रामचंद्र मंडल, झमेली राम ,कपलेश्वर महतो, श्यामसुंदर ठाकुर, नारायण मरांडी ,सूरज मुरमुर, राधेश्याम पासवान , रंजीत ठाकुर, बृजेश दास ,रफीक आलम , शिव शंकर शर्मा , टुनटुन पासवान ,शिवानंद विश्वास, जयजयराम पासवान,दिनेश साह, नौजवान संघ के जिला सचिव कुलानन्द कुमार एसएफआई नेता रेहान खां उर्फ रिंकू,राहुल कुमार आदि नेताओं ने संबोधित किया। समा के अंत में 5 सदस्यीय शिष्टमंडल ने 13 सूत्री मांगों से संबंधित स्मार पत्र सौंप प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को संयुक्त रूप से सभा में वार्ता कर स्मार सौंपते अभिलम्ब कार्यवाही की मांग की।
![सीपीएम के बैनर तले हाई स्कूल के प्रांगण से लाल झंडे से सुसज्जित निकाला गया विशाल जुलूस Under the banner of CPM, a huge procession equipped with red flags was taken out from the high school premises.](http://angindianews.com/wp-content/uploads/2023/06/IMG-20230619-WA0002-1024x575.jpg)
Tiny URL for this post: