- सोमवार को साधुपुर गांव के चार दिनों से लापता युवक का शव मोहनपुर-रंगडा ओपी के दियारा क्षेत्र में मिलने से सनसनी फैल गई थी
- 15 जून को उसपर मंझोडीह गांव में हमला किया गया था, जो वह भागकर जान बचाया था, परंतु अपने स्वजनों से चर्चा नहीं की थी
- 16 जून को अपनी चचेरी भाभी को मोहनपुर ओपी के लूरीदास टोला पहूंचाने गया था, जहां से वह अपने दो दोस्तों के साथ बाइक से कहीं चला गया था, तब से वह लापता था
पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: मोहनपुर ओपी के साधुपुर गांव के सीधा-साधा युवक सह जिप सदस्य रीता देवी के भांजा मुन्ना की हत्या किसने की, चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि क्षेत्र में प्रेम-प्रसंग की बातें सामने आ रही हैं। संभावना जताई जा रही है कि कुछ इसी के कारण युवक की हत्या बेरहमी से कर दी गई होगी। पुलिस इस मामले पर से पर्दा हटाने के लिए एक मात्र सूत्र गायब मोबाइल से स्वजनों के मोबाइल पर आए फोन के आधार पर जूटी हुई है। यह बता दें कि 19 जून को मोहनपुर ओपी एवं भागलपुर के रंगडा दियारा क्षेत्र में एक युवक का शव मिला था, जिसकी पहचान मुन्ना शर्मा पिता प्रताप शर्मा के रूप में हुई थी। युवक 16 जून को अपनी भाभी को उसके मैके इसी ओपी क्षेत्र के लूरीदासटोला छोडने बाइक से गया था तथा वहां से वह अन्य दो दोस्तों की बाइक से अन्यत्र चला गया था, तबसे वह लापता था। उसके शव के पास से एक कुटी काटनेवाला एक गडासा भी पडा हुआ मिला था। उसके शव की कई जगहों से हडियां कटी-फटी हुई थीं, इसी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसकी हत्या बेरहमी से करके दियारा क्षेत्र में फेक दिया गया था। शव जिस हालत में मिली थी, उससे ऐसा अंदाजा लग रहा है कि उसकी हत्या 16 जून को ही कर दी गई थी।
- स्वजनों को प्रेम-प्रसंग में हत्या की आशंका
स्वजन बताते हैं कि उन्हें शव मिलने से पहले मालूम नहीं था कि 15 जून को बगल गांव जाने के दौरान उसपर हमला हुआ था, जिससे वह किसी प्रकार अपनी जान बचा पाया था, परंतु उसने स्वजन से चर्चा नहीं की थी। जबकि ग्रामीण बताते हैं कि उस युवक का कई लडकियों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था, वह दिन-रात कानों में ईयर फोन लगाकर बातें किया करता था। संभावना है कि आक्रोश में आकर किसी प्रेमिका के स्वजन ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी होगी।
- भाभी के मैके से खुल सकता है हत्या का राज
मुन्ना हत्याकांड का राज भाभी के मैके लूरीदास टोला से ही खुल सकता है। जो भी दो युवक मुन्ना को लेने उसकी भाभी के घर आए होंगे, उन्हें निश्चित ही भाभी के घरवाले या फिर आस-पडोस के लोग जरूर देखे होंगे। उनका हुलिया, किसी बाइक से आए थे, सारी जानकारी वहां के लोगों के पास होगी। पुलिस अगर गंभीरता से इसके पीछे पडती है तो निश्चित ही इस हत्याकांड पर से पर्दा उठ सकता है।
- मोबाइल भी हत्या का खोल सकता है राज-
मुन्ना के मोबाइल के डिस्चार्य होने की स्थिति में अपने दोस्तों को अपनी भाभी की मां के मोबाइल से बात करना तथा भूल से उसके साथ वह मोबाइल चला जाना तथा उसी मोबाइल से 18 जून को मुन्ना के बडे भाई के मोबाइल पर फोन आना, यह बात हत्यारों तक पहूंचाने में पुलिस को मदद कर सकती है। मुन्ना के पास से दोनों मोबाइल गायब थे। मुन्ना के बडे भाई भवेष षर्मा के मोबाइल पर उसकी भाभी की मां के मोबाइल जो हत्यारों ने गायब कर दी थी, से फोन आया था, जिसे उसकी मां ने रीसिव किया था, परंतु मां के द्वारा बात करते ही संबंध-विच्छेद कर दिया गया था। पुलिस अगर कॉल डिटेल्स निकालती है, तब निश्चित ही हत्यारां का भेद खुल सकता है।
- गरीबी के कारण स्वजन किसी को नामजद करने से हिचकिचा रहे हैं
कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचने तथा गरीबी के कारण स्वजन कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पडना नहीं चाहते हैं। एक तो बेटे की जान गई, दूसरी अब जो कमाओ, कोर्ट-कचहरी में लूटाते जाओ, फिर खाएंगे क्या, इसी को लेकर वे इस पचडे में पडना नहीं चाहते हैं। वे लोग काफी गरीब हैं तथा किसी प्रकार अपनी जीविका जुटाकर अपना पेट पालते हैं।
- प्रशासन हत्यारों को चिन्हित करे तथा सजा दिलवाए: जिप सदस्य रीता देवी
प्रशासन हत्यारों को अविलंब चिन्हित करे तथा उन्हें सजा दिलवाए। उक्त मांग जिप सदस्य सह मुन्ना की मामी रीता देवी ने पुलिस कप्तान से करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुन्ना को जिस प्रकार बेरहमी से मारा गया है, वह हत्यारे की क्रुरता को दर्शाता है। पुलिस जल्द इस हत्याकांड पर से पर्दा उठाए ताकि हत्यारे सलाखों के अंदर जा सकें, अन्यथा उनके द्वारा और भी जघन्य अपराध कर सकते हैं।
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