पूर्णिया: डॉ डी0 आर0 सिंह, कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, के निर्देश पर बामेती पटना, बिहार के सहयोग से भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णियॉ में मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण 20 से 22 सितम्बर 2023 कार्यक्रम के प्रमाण पत्र वितरण-सह-समापन समारोह का आयोजन महाविद्यालय के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णिया सुधीर कुमार को पाठक्रम समन्वयक डा0 राधेश्याम द्वारा पौधा प्रदान कर सम्मानित किया गया। पाठक्रम समन्वयक डा0 राधेष्याम द्वारा समापन समारोह सह प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 12 विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी के सैद्धान्तिक ज्ञान के साथ-साथ प्रयोगशाला एवं प्रक्षेत्र आदि का भ्रमण कराकर विस्तार पूर्वक प्रायोगिक जानकारी प्रदान की गई, जो प्रतिभागियों के लिए काफी लाभकारी रहा। कार्यक्रम के समापन से पूर्व सभी प्रशिक्षणार्थियों की लिखित एवं मौखिक परीक्षा ली गई। परीक्षा के परिणाम के आधार पर सभी प्रतिभागियों को निर्णायक समिति द्वारा प्रमाण प्रदान करने की संस्तुति की गई। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा॰ जनार्दन प्रसाद ने प्रशिक्षणार्थियों से फीड बैक लिया मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों द्वारा प्रदान किये गये फीड बैक से प्रसन्नता व्यक्त की तथा उन्होंने उनके उज्वल भविष्य की कामना करते हुए समेकित पोषक तत्व प्रबंधन विषय के महŸाा पर चर्चा कर यह बताया कि बिहार की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। इस राज्य को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने हेतु वर्तमान उपज को बढ़ाकर दोगुना करना होगा, इसके लिए संतुलित उर्वरक का प्रयोग महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है, इसके लिए तकनीकी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है जो इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणार्थी किसानों को प्रदान करने का कार्य करेंगे।
जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णिया श्री सुधीर कुमार ने अपने अघ्यक्षीय सम्बोधन मे बताया कि मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रषिक्षण प्राप्त करने वाले सभी बिहार के विभिन्न जिलो से आये कृषि से सम्बन्धित पदाधिकारी यहॉ से जाने के बाद मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी जानकारी को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रचारित प्रसारित करने का काम करेगे। क्योकि आज भी लगभग 80 प्रतिशत से अधिक किसान किसी न किसी रूप में इन्हीं कृषि के प्रसार कार्यकर्ताओं के सलाह पर ही कार्य करते हैं। इसलिए आप सभी कृषि के प्रसार कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि किसानों को उनके आवश्यकता के अनुरूप उचित सलाह देते हुए सही तकनीकी की जानकारी दें जिससे मोटे अनाज के उत्पादन के साथ-साथ क्षेत्र विस्तार में वृद्धि हो सके तथा किसान लाभान्वित हो सके। तकनीकी स़त्र में विषेषज्ञ के रूप में वैज्ञानिक डा0 के एम सिंह वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान कृषि विज्ञान केन्द्र, पूर्णिया द्वारा उपस्थित सभी प्रषिक्षणाथियांे को मोटे अनाज की महत्ता के साथ-साथ आज के दौर में कुपोषण दूर करने में इसकी उपयोगिता पर प्रकाष डाला गया। प्रषिक्षण कार्यक्रम में डा अजय कुमार यादव, कनिष्क शोध अधिकारी रानीचौरी उत्तराखण्ड द्वारा अपने अनुभवों को साझा करते हुए मोटे अनाज खेती में आने वाली चुनौतियों और उसे दूर करने के उपायों पर विस्तार से व्याख्यान दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में मृदा वैज्ञानिक डा0 पंकज कुमार यादव द्वारा अपने व्याख्यान में बताया कि 1950-1951 से 2019-2020 में प्रति व्यक्ति खेती योग्य भूमि लगभग 5 गुना कम हो गई है, साथ ही साथ जनसंख्या 33 करोड़ से बढ़कर 133 करोड़ हो गया है। समय के साथ हम सभी को जैविक खेती की तरफ बढने की आवष्यकता है। डा मिथलेस कुमार पौधा रोग विज्ञानी द्वारा मोटे अनाज (मिलेट्स) में रोग व्याधि पर चर्चा की। डा अनुज कंमार चौधरी द्वारा मिलेटस बीज उत्पादन तकनीकी के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। डा माचा उदय कुमार द्वारा मिलेटस कीट प्रबन्धन की जानकारी दी गयी।
इस कार्यक्रम में बिहार के दस जिलों से आये कुल 25 कृषि से सम्बन्धित पदाधिकारी, प्रसार कार्यकर्ताओं प्रषिक्षणाथीयों को जिला कृषि पदाधिकारी पूर्णिया श्री सुधीर कुमार ने प्रमाण पत्र वितरण किया गया। बिहार के दस विभिन्न जिलों में पूर्वी चम्पारण, पष्चिम चम्पारण, मुज्जफरपुर, दरभंगा, सहरसा, पूर्णियॉ, सारण, भोजपुर, गया एवं मुगेंर से आये कृषि से सम्बन्धित पदाधिकारी प्रषिक्षणाथी सुधीर कुमार, राजन कुमार झा, राहुल कुमार, अंशु कुमार आनन्द, संतोष कुमार, विकास दूबे, दीपक कुमार शुक्ला, अरूण रजक, श्रवण कुमार, विनय कुमार, सुशील कुमार, जितेन्द्र कुमार, सुरज कुमार सहनी, अजय कुमार, श्वेता कुमारी, सुरज प्रकाष भारती, मनोज कुमार, रवि प्रकाष, शंभु कुमार, मनोज कुमार, सौरभ कुमार, राजीव कुमार शामिल होकर मोटे अनाज (मिलेट्स) उत्पादन तकनीकी पर तीन दिवसीय आवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम लाभान्वित हुए। इस अवसर पर महाविद्यालय के वैज्ञानिकों में डॉ मिथिलेष कुमार, श्री एस॰ पी॰ सिन्हा, डा॰ पंकज कुमार यादव, डा॰ सूरज प्रकाश, डॉ विकास कुमार, अकांक्षा, डॉ राधेष्याम, डा॰ पी के मण्डल, डा॰ आषीष रंजन, डा॰ रूबी साहा, डा॰ माचा उदय कुमार एवं अन्य कर्मचारियों में कैलाष मण्डल, नवीन लकड़ा, अनुपम, दिलीप कुमार, नीतु, श्रवण, चन्दमणि, लियाकत, सुनिल कुमार आदि ने भाग लिया।
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