पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: बाल श्रम उन्मूलन को लेकर विभाग पूरी तरह से मुस्तैद दिख रहा है । इसी क्रम में बुधवार को श्रम संसाधन विभाग द्वारा गठित धावादल ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से मुख्यालय में दो जगहों पर धावा बोलकर बाइक के गैरेज में काम कर रहे तीन बाल श्रमिकों को मुक्त कराया, जिन्हें बाल कल्याण समिति, पूर्णिया भेज दिया गया है । जबकि दोनों जगहों पर गैरेज चला रहे नियोजकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है ।
इस धावादल का नेतृत्व रूपौली प्रखंड के श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी संजीव कुमार चौधरी कर रहे थे । इनके नेतृत्व में धावा दल सबसे पहले प्रखंड गेट के सामने एक बाइक गैरेज में धावा बोला, जहां से एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया । दूसरा धावा रूपौली भवानीपुर सडक पर स्थित एक बाइक गैरेज में धावा बोला गया, जिसमें कार्य कर रहे दो बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया । तीनों बाल श्रमिकों को तत्काल बाल कल्याण समिति, पूर्णिया भेज दिया गया है ।
जबकि दोनों नियोजक गैराज मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है । मौके पर प्रखंड श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि 14 वर्शों से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना बाल श्रम अधिनियम 1986 के तहत दंडनीय अपराध है । इसमें बच्चों से काम करवाने वाले को पचास हजार का जूर्माना या फिर दो साल की कैद की सजा का प्रावधान है तथा संज्ञेय अपराध भी है ।
उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे कदापि बच्चों से काम नहीं लें, बल्कि उन्हें पढने के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका भविश्य संवर सके । यह अभियान लगातार चलता रहेगा । इस धावा दल में भवानीपुर प्रखंड के श्रम एवं प्रवर्त्तन पदाधिकारी रामविलास राम, धमदाहा के अजीत कुमार, बनमनखी के पवन कुमार षर्मा एवं रूपौली थाना के एसआई अभिशेक कुमार सिंह षामिल थे ।